जब मेहनत डूब जाती है बारिश में तब सिर्फ फसलें नहीं, उम्मीदें भी बह जाती हैं और इसके साथ बह जाता है साहस। ऐसे में बुंदेलखंड का किसान आज फिर वही दर्द झेल रहा है।
जब मेहनत डूब जाती है बारिश में तब सिर्फ फसलें नहीं, उम्मीदें भी बह जाती हैं और इसके साथ बह जाता है साहस। ऐसे में बुंदेलखंड का किसान आज फिर वही दर्द झेल रहा है।