ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर में स्वच्छता व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कूड़ा प्रबंधन में लापरवाही बरतने वाले छह बल्क वेस्ट जनरेटरों (BWG) पर बड़ी कार्रवाई की है। प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नीति का पालन न करने पर कुल 28.30 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया है। यह कार्रवाई प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष स्वच्छता अभियान का हिस्सा है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में स्वच्छता और सतत शहरी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक विशेष टीम का गठन किया गया था। एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस के नेतृत्व में बनी इस समिति में महाप्रबंधक से लेकर सहायक प्रबंधक स्तर तक के 15 अधिकारी शामिल थे। टीम ने कुल 19 बल्क वेस्ट जनरेटर परिसरों का निरीक्षण किया, जिनमें से छह में गंभीर लापरवाही पाई गई।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि कई आवासीय परिसरों में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करने, स्रोत पर ही निस्तारण करने और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नीति-2016 के तहत निर्धारित दिशानिर्देशों का समुचित पालन नहीं किया जा रहा था।
निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर जिन छह बल्क वेस्ट जनरेटरों पर जुर्माना लगाया गया, उनमें शामिल हैं-
चेरी काउंटी: ₹50,000
अजनारा ली गार्डेन: ₹2,01,600
ला रेजीडेंसिया: ₹8,06,400
मेफेयर रेजीडेंसी: ₹6,44,000
वेदांतम रेडीकॉन: ₹3,22,000
राधा स्काई गार्डेन: ₹8,06,400
कुल मिलाकर इन परिसरों पर 28.30 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया गया है।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नीति-2016 के अनुसार, 5000 वर्ग मीटर से बड़े परिसरों या प्रतिदिन 100 किलोग्राम से अधिक कचरा उत्पन्न करने वाले बल्क वेस्ट जनरेटरों के लिए परिसर में ही कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण अनिवार्य है। इस नियम के बावजूद कई आवासीय सोसायटियां उचित प्रबंधन नहीं कर रही थीं, जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषण और कूड़ा निस्तारण की समस्याएं बढ़ रही थीं।
एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि नीति-2016 के अनुसार गीले और सूखे कचरे का पृथक्करण अनिवार्य है। जो भी परिसर इन नियमों का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ भविष्य में भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण ने कहा है कि शहर को स्वच्छ और व्यवस्थित रखना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, और नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।