समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खां मंगलवार को लगभग 23 महीने बाद सीतापुर जिला कारागार से रिहा हो गए। उनकी रिहाई को लेकर सुबह से ही जेल परिसर के बाहर चहल-पहल बनी रही। बड़ी संख्या में उनके समर्थक जेल गेट के बाहर जमा रहे, वहीं सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस, पीएसी और एलआईयू की टीमें मुस्तैद रहीं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जेल के बाहर और ओवरब्रिज पर तैनात पुलिस लगातार लोगों को हटाती रही।
आजम खां की रिहाई के समय जिला कारागार से दो गाड़ियां बाहर निकलीं। एक गाड़ी में आजम खां अपने पुत्र अदीब, अब्दुल्ला और अन्य प्रतिनिधियों के साथ बैठे थे। दूसरी गाड़ी में उनका निजी सामान था, जिसमें किताबें, कपड़े और जेल में उपयोग की गई वस्तुएं शामिल थीं। बताया गया कि रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में 3-3 हजार रुपये के दो जुर्माने जमा करने के बाद आधिकारिक मेल सीतापुर जिला कारागार पहुंचा और रिहाई की प्रक्रिया पूरी हुई।
आजम खां की रिहाई की खबर मिलते ही सपा विधायक अनिल वर्मा और समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं समेत बड़ी संख्या में लोग रामपुर से सीतापुर पहुंचे। कार्यकर्ताओं में खुशी और उत्साह का माहौल दिखा। वहीं आजम खां के पुत्र अदीब सुबह जेल पहुंचे थे लेकिन उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।
आजम खां पर कुल 104 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 93 मामले रामपुर से जुड़े हैं। हालांकि सभी मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है। रिहाई के बाद उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी की सांसद रुचिवीरा ने कहा कि आजम खां की अगली रणनीति उनके ही निर्देशों पर तय होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अभी उनका प्राथमिक लक्ष्य परिवार से मिलना है, इसके बाद ही आगे की दिशा पर निर्णय लिया जाएगा।