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UP News In Hindi: यूपी में SIR ड्राफ्ट वोटर लिस्ट तीसरी बार टली, 18 प्रतिशत से अधिक नाम कटने की आशंका

प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, SIR प्रक्रिया के दौरान उत्तर प्रदेश में करीब 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं, जो कुल मतदाता सूची का लगभग 18.7 प्रतिशत है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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UP News In Hindi: यूपी में SIR ड्राफ्ट वोटर लिस्ट तीसरी बार टली, 18 प्रतिशत से अधिक नाम कटने की आशंका

उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के तहत तैयार की जा रही ड्राफ्ट मतदाता सूची एक बार फिर टाल दी गई है। भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा शुक्रवार को जारी की जाने वाली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट अब 6 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी। यह तीसरा मौका है जब इस सूची के प्रकाशन की तारीख आगे बढ़ाई गई है।

2.89 करोड़ नाम कटने का अनुमान

प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, SIR प्रक्रिया के दौरान उत्तर प्रदेश में करीब 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं, जो कुल मतदाता सूची का लगभग 18.7 प्रतिशत है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में कुल 15.44 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे, जबकि SIR के पहले चरण के बाद यह संख्या घटकर लगभग 12.55 करोड़ रहने का अनुमान जताया जा रहा है।

देश में सबसे अधिक डिलीशन वाला राज्य बन सकता है यूपी

रिपोर्ट्स के अनुसार, SIR अभियान के तहत उत्तर प्रदेश देश का वह राज्य बन सकता है, जहां सबसे अधिक मतदाता नाम हटाए जाएंगे। आयोग की ओर से चलाए जा रहे इस विशेष पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक, अद्यतन और पारदर्शी बनाना बताया गया है।

क्यों टली ड्राफ्ट लिस्ट?

सूत्रों के अनुसार, फील्ड स्तर पर सत्यापन प्रक्रिया, प्राप्त दावों-आपत्तियों के निस्तारण और तकनीकी समन्वय में अतिरिक्त समय लगने के कारण ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का प्रकाशन टालना पड़ा है। अब 6 जनवरी को सूची जारी होने के बाद मतदाताओं को अपने नाम, विवरण और संशोधन की जांच का अवसर मिलेगा।

आगे क्या होगी प्रक्रिया

ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद नागरिकों को नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के लिए निर्धारित समय-सीमा में आपत्ति दर्ज कराने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद सभी आपत्तियों के निपटारे के पश्चात अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। SIR प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में नाम कटने की संभावना आने वाले चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।

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