गाजीपुर जिले से एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां वाराणसी-गाजीपुर फोरलेन पर स्थित क्यामपुर टोल प्लाजा के संचालन में भारी अनियमितताएं पाई गई हैं। उप निबंधन विभाग की जांच में दो टोल ऑपरेटर कंपनियों द्वारा कुल 1.25 करोड़ रुपये से अधिक की स्टांप ड्यूटी चोरी करने का खुलासा हुआ है।
जांच में पाया गया कि दोनों कंपनियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ करोड़ों रुपये के अनुबंध को केवल 100 रुपये के स्टांप पेपर पर किया, जबकि नियमानुसार उन्हें अनुबंध राशि का दो प्रतिशत स्टांप ड्यूटी के रूप में भुगतान करना अनिवार्य था। इससे साफ है कि टोल वसूली से मोटी कमाई करने वाली कंपनियों ने जानबूझकर सरकार को भारी राजस्व नुकसान पहुंचाया।
पहली कंपनी डी. सूर्यनारायन रेड्डी, आंध्र प्रदेश की है, जिसने 20 अगस्त 2023 से क्यामपुर टोल प्लाजा का संचालन शुरू किया। इस कंपनी का अनुबंध था कि वह एनएचएआई को प्रतिदिन 14 लाख 63 हजार 786 रुपये का भुगतान करेगी। इस आधार पर कुल स्टांप ड्यूटी 27 लाख 22 हजार 560 रुपये बनती थी, लेकिन कंपनी ने केवल 100 रुपये के स्टांप पेपर पर अनुबंध कर लिया। मामले में सहायक आयुक्त स्टांप ने डीएम कार्यालय में मुकदमा दर्ज कराया है, जो अभी विचाराधीन है।
दूसरी कंपनी “आसमी रोड कैरियर लिमिटेड” ने 19 दिसंबर 2023 से 19 मार्च 2024 तक टोल संचालन का अनुबंध किया था, जिसमें उसे प्रतिदिन 11 लाख 66 हजार 824 रुपये एनएचएआई को देने थे। इसके लिए 1.02 करोड़ रुपये से अधिक की स्टांप ड्यूटी देनी थी, लेकिन अनुबंध फिर से 100 रुपये के स्टांप पर हुआ। यही नहीं, 19 अप्रैल 2025 से 19 अप्रैल 2026 तक इस कंपनी ने 51.41 करोड़ रुपये की राशि के बदले एक और अनुबंध किया, जिसे भी केवल 100 रुपये के स्टांप पेपर पर ही दर्ज किया गया।
उप निबंधन कार्यालय ने कई बार इन कंपनियों से अनुबंध पत्रों की मांग की, लेकिन दोनों ने लगातार टालमटोल किया। यहां तक कि डीएम के पत्र के जवाब में भी केवल एक खाली ई-मेल भेजा गया। बाद में दबाव बढ़ने पर जब अनुबंध जमा कराए गए, तब इस बड़े घोटाले का खुलासा हुआ।
एआईजी स्टांप प्रेम प्रकाश ने जानकारी दी कि जांच अंतिम चरण में है और दोषी कंपनियों पर जल्द ही विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि दोनों कंपनियों ने सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने की गंभीर चूक की है, जिसकी जिम्मेदारी तय कर सख्त कदम उठाए जाएंगे।