उत्तर प्रदेश में सड़क नेटवर्क को बेहतर और अधिक सुगम बनाने की दिशा में एक अहम निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार ने नई सड़क परियोजनाओं के निर्माण में तेजी लाने के उद्देश्य से पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) मानक में शिथिलीकरण की अनुमति प्रदान की है। इस निर्णय से उन क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति मिलेगी, जहां वर्तमान में पीसीयू के कठोर मानक बाधा बन रहे थे।
मुख्य सचिव एस.पी. गोयल की अध्यक्षता में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में गौतमबुद्धनगर, उन्नाव, बहराइच और चन्दौली जिलों में प्रस्तावित सड़क परियोजनाओं को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन परियोजनाओं को तय समय सीमा के भीतर और उत्तम गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए, ताकि स्थानीय नागरिकों को समय पर इसका लाभ मिल सके और क्षेत्रीय यातायात व्यवस्था को बेहतर किया जा सके।
बैठक में अनुमोदित परियोजनाओं के अंतर्गत जनपद गौतमबुद्धनगर में वर्ष 2025-26 के लिए 6550.80 लाख रुपये की लागत से फरीदाबाद-ग्रेटर नोएडा वाया जसाना-मंझावली-अट्टा गुजरान एकीकृत परिपथ (4 लेन) का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और अधिक मजबूत बनाएगी।
जनपद उन्नाव में 200.37 लाख रुपये की लागत से विकास खंड पुरवा कार्यालय को जोड़ने हेतु 0.690 किलोमीटर लंबे दो लेन मार्ग का निर्माण कार्य किया जाएगा। इस सड़क के बन जाने से ग्रामीण क्षेत्र के प्रशासनिक कार्यों में सुगमता आएगी। जनपद बहराइच में भी 139.79 लाख रुपये की लागत से विकास खंड कार्यालय तेजवापुर को जोड़ने के लिए 0.400 किलोमीटर लंबा दो लेन मार्ग बनाया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को बेहतर आवाजाही की सुविधा मिलेगी।
इसी प्रकार, जनपद चन्दौली में 216.38 लाख रुपये की लागत से सैयदराजा-जमनिया मार्ग से बरहनी ब्लॉक को जोड़ने वाले 0.700 किलोमीटर लंबे मार्ग का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्य प्रदेश के नागरिकों को सुविधाजनक, सुरक्षित और तेज यातायात व्यवस्था प्रदान करना है, जिससे आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक विकास को भी गति मिल सके।