उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों की समृद्धि और चीनी उद्योग की मजबूती को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने गन्ना मूल्य भुगतान, उत्पादन क्षमता, क्षेत्रीय विस्तार और एथेनॉल नीति जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि गन्ना किसानों को समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जो चीनी मिलें भुगतान में देरी करेंगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 2,85,994 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है, जो पूर्ववर्ती वर्षों (1995-2017) की तुलना में 72,474 करोड़ रुपये अधिक है। वर्ष 2024-25 में निर्धारित 34,466 करोड़ रुपये में से 2 मई 2025 तक 83.8% भुगतान पूरा हो चुका है।
वर्ष 2016-17 में जहां गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था, वह अब बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। उत्पादकता भी 72.38 टन/हेक्टेयर से बढ़कर 84.10 टन/हेक्टेयर हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सुनियोजित प्रयासों से उत्तर प्रदेश में गन्ने के उत्पादन और उत्पादकता को दोगुना किया जा सकता है।
गन्ने की बेहतर उपज के लिए किसानों को उन्नत किस्म के बीज समय पर उपलब्ध कराने पर बल दिया गया। इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्र, गन्ना समितियां और चीनी मिलें मिलकर काम करेंगी। साथ ही, किसानों से सीधा संवाद और फसल के निरीक्षण हेतु मिल प्रतिनिधियों और अधिकारियों को खेतों का दौरा करने का भी निर्देश दिया गया।
सीएम योगी ने गन्ना समितियों को और सशक्त बनाने और मौजूदा 142 कार्यदिवसों को बढ़ाकर 155 दिन करने की जरूरत बताई है। कोऑपरेटिव और फेडरेशन से जुड़ी मिलों की कार्यक्षमता और कार्मिकों की योग्यता का भी मूल्यांकन किया जाएगा।
राज्य की 102 सक्रिय डिस्टिलरियों ने वर्ष 2023-24 में 150.39 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया। निजी निवेश के जरिए 6,771.87 करोड़ रुपये की लागत से 105.65 करोड़ लीटर अतिरिक्त उत्पादन क्षमता विकसित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईंधन मिश्रण में एथेनॉल अनुपात बढ़ाना ऊर्जा सुरक्षा और किसानों की आय में वृद्धि के लिए आवश्यक है।
राज्य में 122 चीनी मिलें, 236 खाण्डसारी इकाइयाँ, 8,707 कोल्हू इकाइयाँ, 65 कोजेन और 44 डिस्टिलरी इकाइयाँ संचालित हैं। इनसे लगभग 9.81 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है।
सीएम योगी की अगुवाई में उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को आर्थिक सुरक्षा, तकनीकी सहयोग और समय पर भुगतान मिल रहा है। इससे राज्य न केवल कृषि उत्पादन में आगे बढ़ रहा है बल्कि ऊर्जा और औद्योगिक विकास की दिशा में भी नए आयाम गढ़ रहा है।