उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजस्व विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और राजस्व वादों के शीघ्र निस्तारण व भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के स्पष्ट निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं का समाधान तय समयसीमा में अनिवार्य रूप से किया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अविवादित वरासत के मामलों को अधिकतम 15 दिन में निपटाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि सभी नामांतरण वादों को पूरी तरह ऑटोमेट किया जाए, जिससे नागरिकों को सरल और त्वरित न्याय मिल सके।
सीएम योगी ने कहा कि भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण से पारदर्शिता और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन व्यवस्था को बल मिलेगा। उन्होंने सभी शहरी लैंड रिकॉर्ड को भी ऑनलाइन करने और राजस्व परिषद पोर्टल को पुनः डिज़ाइन कर उसे यूजर-फ्रेंडली बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही लेखपाल से आयुक्त तक एकीकृत डैशबोर्ड विकसित करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने चकबंदी मामलों में तकनीकी हस्तक्षेप को जरूरी बताते हुए कहा कि इस प्रक्रिया को संवेदनशीलता और पारदर्शिता से पूर्ण किया जाए। उन्होंने आगाह किया कि चकबंदी की जटिलताएं अक्सर सामाजिक टकराव का कारण बनती हैं।
सीएम योगी ने जानकारी दी कि वर्ष 2023-24 में 3.5 लाख से अधिक आपदा पीड़ितों को DBT के माध्यम से सहायता दी गई। उन्होंने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना योजना के सभी लंबित मामलों को 10 दिन में निपटाने के निर्देश दिए।
प्रमाण पत्र सेवा में प्रगति सराहनीय, सुधार की अपील
विभागीय प्रस्तुति के अनुसार, पिछले वर्ष 36 लाख से अधिक जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र जारी किए गए, जिनमें से 85% आवेदन 7 कार्यदिवसों में निपटाए गए। सीएम ने इस कार्य की सराहना करते हुए इसे और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने को कहा।