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Chandauli News: काजी हाउस में छुट्टा गोवंश की खराब हालत, जिला पंचायत की लापरवाही पर सवाल

Chandauli News: काजी हाउस, जो जिला पंचायत द्वारा संचालित है, में छुट्टा गोवंश की देखभाल में गंभीर लापरवाही सामने आई है। वहां पशुओं को केवल सूखा भूसा और खराब पानी दिया जाता है, जबकि केयरटेकर मनरेगा में लगे रहते हैं। अधिकारियों ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं, लेकिन अभी तक उचित सुधार नहीं हुआ है, जिससे पशुओं की हालत चिंताजनक बनी हुई है।

By: Desk Team  RNI News Network
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Chandauli News: काजी हाउस में छुट्टा गोवंश की खराब हालत, जिला पंचायत की लापरवाही पर सवाल

नौगढ़ तहसील क्षेत्र के बाघी गांव में जिला पंचायत द्वारा संचालित काजी हाउस में रहने वाले छुट्टा गोवंश की स्थिति चिंताजनक है। यहां 15 से 16 गोवंश रखे गए हैं, लेकिन उनकी देखभाल में भारी लापरवाही बरती जा रही है। गोवंश को केवल सूखा भूसा खिलाया जाता है और उन्हें गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ता है। काजी हाउस में तैनात केयरटेकर मनरेगा में काम करने चले जाते हैं, जिससे जानवरों की देखभाल ठीक से नहीं हो पाती। इस दौरान केवल एक व्यक्ति सुबह शाम गोबर साफ करता है और भूसा देता है। इस खराब हालत के बावजूद जिला पंचायत के अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

स्थानीय ग्रामीणों ने जिला पंचायत पर लापरवाही का आरोप लगाया है, जबकि जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी अमित राज सिंह ने मीडिया के सामने कोई बयान देने से इनकार कर दिया। अपर जिला अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि वे हाल ही में आए हैं और मामले की जांच कराई जाएगी। एसडीएम को इस संदर्भ में रिपोर्ट देने का निर्देश भी दिया गया है। ADM ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को मामले की जानकारी लेकर गोवंश के उपचार की समुचित व्यवस्था करने का आदेश दिया।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि काजी हाउस पूरी तरह जिला पंचायत के नियंत्रण में है और यहां के डॉक्टर कमलेश को गोवंश की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई है। अधिकारी ने काजी हाउस का निरीक्षण किया और वहां गंदगी तथा गोवंश द्वारा गंदा पानी पीते हुए पाया। उन्होंने तुरंत साफ-सफाई और नियमित देखभाल के आदेश जारी किए।

यह स्थिति न केवल जानवरों के लिए खतरनाक है, बल्कि स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा करती है। काजी हाउस जैसी सरकारी व्यवस्था में इस प्रकार की लापरवाही देखना चिंता का विषय है। ग्रामीणों की शिकायतों और अधिकारियों के निरीक्षण से यह स्पष्ट होता है कि जिला पंचायत को इस मामले में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि गोवंश की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सके।

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