नोएडा प्राधिकरण द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से दो महत्वपूर्ण इमारतों का निर्माण किया गया था— सेक्टर-18 मल्टीलेवल कार पार्किंग और सेक्टर-82 सिटी बस टर्मिनल। हालांकि, ये दोनों परियोजनाएं अपनी पूर्ण क्षमता के अनुसार संचालित नहीं हो पा रही हैं। प्लानिंग में खामियां रहने के कारण ये इमारतें अपने मूल उद्देश्य में पूरी तरह सफल नहीं हो पाईं। अब प्राधिकरण ने इनका वैकल्पिक उपयोग करने पर विचार किया है।
सेक्टर-18 मल्टीलेवल कार पार्किंग: अब छत पर बनेगा होटल
2013 में 243.32 करोड़ रुपये की लागत से सेक्टर-18 में मल्टीलेवल कार पार्किंग का निर्माण कार्य शुरू किया गया, जिसे 2018 में जनता के लिए खोल दिया गया। इसकी कुल क्षमता 3000 वाहनों की है, लेकिन आज तक यह पूरी क्षमता से संचालित नहीं हो सकी।
कम उपयोग होने के कारण
नया प्रस्ताव: होटल निर्माण
अब प्राधिकरण ने इस पार्किंग की छत पर होटल बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए एक सलाहकार कंपनी (कंसल्टेंट फर्म) नियुक्त की जाएगी, जो यह तय करेगी कि कितने क्षेत्र में होटल बनाया जा सकता है और इसकी आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) की शर्तें क्या होंगी। इसके बाद टेंडर जारी किया जाएगा। इस नए उपयोग से न केवल पार्किंग का सही इस्तेमाल होगा बल्कि प्राधिकरण को अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त होगा।
सेक्टर-82 सिटी बस टर्मिनल: अब अस्पताल को मिलेगा भवन
157.84 करोड़ रुपये की लागत से 30,784 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला यह बस टर्मिनल बनाया गया था। इसे परिवहन विभाग को सौंपा जाना था, लेकिन उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया। नतीजतन, वर्तमान में यहां से केवल 5-6 बसें ही संचालित हो रही हैं।
यह बस टर्मिनल दो टावरों में विभाजित है:
नया प्रस्ताव: अस्पताल को सौंपने की योजना
इस खाली इमारत का उपयोग अस्पताल के रूप में करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए तीन कंपनियों ने रुचि दिखाई है और उनसे प्रस्ताव मांगे गए हैं। हालांकि, यह भवन किराए पर दिया जाएगा और इसका लैंड यूज नहीं बदला जाएगा। कंपनियां इंटीरियर में अपने अनुसार बदलाव कर सकती हैं, लेकिन ग्राउंड फ्लोर पर बस स्टैंड बना रहेगा।
अन्य इमारतों का भी होगा पुनः उपयोग
नोएडा प्राधिकरण ने ऐसे अन्य भवनों की भी पहचान शुरू कर दी है, जो अपनी क्षमता के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं या जिनसे अपेक्षित राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है। पहले चरण में इन दो इमारतों पर काम किया जा रहा है, जबकि आगे अन्य इमारतों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। यह कदम न केवल नोएडा में बुनियादी ढांचे का सही उपयोग सुनिश्चित करेगा, बल्कि प्राधिकरण को अतिरिक्त आय भी दिलाएगा।