उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय का अष्टम दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर राज्यपाल ने कुल 187 विद्यार्थियों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक से सम्मानित किया। इनमें परास्नातक एवं स्नातक के 56 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। राज्यपाल जी ने जनपद कौशाम्बी के 300 आंगनबाड़ी केंद्रों हेतु आंगनबाड़ी किटों एवं हेल्थ किट का वितरण किया।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी विद्यार्थियों को एवं उनके अभिभावकों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता उनकी मेहनत, समर्पण और प्रटिबद्धता का परिणाम है। पदक प्राप्तकर्ताओं में महिलाओं की उल्लेखनीय संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा समाज नारी शक्ति की ओर दृढ़ता से अग्रसर हो रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को ससमय परीक्षा, समयबद्ध परिणाम और कक्षा में अनुशासन के महत्व को समझाया। उन्होंने नरेन्द्र मोदी द्वारा असम राज्य में स्थापित इथेनॉल संयंत्र का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को नए शोध के आयामों एवं क्षेत्रों की खोज करने हेतु प्रेरित किया।कुलाधिपति ने विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता पर बल देते हुए कहा कि यह शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन को बनाए रखने में अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कठिनाइयाँ जीवन का हिस्सा हैं, उनसे डरने के बजाय समाधान निकालना चाहिए।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों में उत्साह भरते हुए कहा कि भारत युवाओं का देश है, यदि आप चाहें तो पूरी दुनिया बदल सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि अपनी योग्यता और सेवा केवल परिवार तक सीमित न रखें, बल्कि पूरे देश के विकास में उसका उपयोग करें।उन्होंने पद्मश्री और पद्मविभूषण प्राप्त विभूतियों से सीखने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया और कहा कि “मनुष्य को मनुष्य बनाना ही हमारा ध्येय होना चाहिए, इसी ध्येय वाक्य को आप आगे प्रसारित कीजिए।”राज्यपाल ने खेलकूद के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को निर्धारित धनराशि एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव, आंगनबाड़ी केंद्र एवं विद्यालयों में आयोजित खेलकूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी राज्यपाल जी ने सम्मानित किया। विद्यालय स्तर की विभिन्न प्रतियोगिताओं के पदक प्राप्त करने वाले बच्चों को भी राज्यपाल जी द्वारा प्रोत्साहित किया गया।
समारोह के दौरान भाषण प्रतियोगिता की प्रथम पुरस्कार विजेता छात्रा ने राज्यपाल जी के समक्ष अपना अभिभाषण प्रस्तुत किया। विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी राज्यपाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अध्यापकों को “उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान” प्रदान किया गया। दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए प्राथमिक विद्यालय से आए नौनिहालों ने राज्यपाल जी के समक्ष पर्यावरण जागरूकता का प्रदर्शन किया। बच्चों को फल एवं चॉकलेट वितरित कर उत्साहित किया।
कैबिनेट मंत्री (उच्च शिक्षा), उत्तर प्रदेश सरकार योगेंद्र उपाध्याय ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी प्रयागराज की गौरवशाली धरा एवं आदरणीय प्रोफेसर राजेंद्र सिंह “रज्जू भैया” से मार्गदर्शन प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि बिना गुरु के सफलता संभव नहीं है, अतः विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपनी योग्यता का प्रयोग देश, समाज और राष्ट्र निर्माण में करें।
राज्य मंत्री (उच्च शिक्षा) रजनी तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन विद्यार्थियों की उपलब्धियों का दिन है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विद्यार्थी भारत के सामाजिक, आर्थिक एवं तकनीकी विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा और उसकी बागडोर युवाओं के हाथों में होगी।मुख्य अतिथि संजय श्रीनेत्र ने अपने दीक्षांत उद्बोधन में कहा कि आज आप सभी अपनी सर्वोत्तम उपलब्धियों से अलंकृत हुए हैं। उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से विद्यार्थियों को सापेक्षिक मूल्यांकन के सार्थक परिणामों से अवगत कराया। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को चरित्र निर्माण, नैतिकता, राष्ट्रवाद एवं समाज सेवा की प्रेरणा देते हुए कहा कि इसके लिए आध्यात्मिक, सामाजिक, स्वतंत्रता सेनानियों और अन्य महानुभावों के जीवन से सीख लेनी चाहिए।