नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली 74 किलोमीटर लंबी लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना को लेकर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने गुरुवार को बैठक कर 20 किलोमीटर लंबे उस हिस्से की अलाइनमेंट पर चर्चा की, जो यमुना प्राधिकरण क्षेत्र से होकर गुजरेगा। अधिकारियों के अनुसार, अलाइनमेंट की विस्तृत डिजाइन तैयार करने का कार्य अब शुरू कर दिया गया है।
कहां से कहां तक बनेगा एक्सप्रेसवे?
इससे मेरठ, बुलंदशहर, खुर्जा और स्याना जैसे पश्चिमी यूपी के प्रमुख शहर सीधे नोएडा एयरपोर्ट से जुड़ जाएंगे।
बैठक में किन बिंदुओं पर हुई चर्चा?
बैठक में UPEIDA के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी एस.पी. शाही और YEIDA के सीईओ आर.के. सिंह ने मिलकर रूट की विस्तृत समीक्षा की।
मुख्य बिंदु रहे—
एक्सप्रेसवे 56 गांवों की भूमि से होकर गुजरेगा। जमीन अधिग्रहण किसानों की सहमति और मुआवजा दरों पर आधारित होगा।
लागत और निर्माण अवधि
इस परियोजना की अनुमानित निर्माण लागत लगभग 60 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर होगी (भूमि लागत इसमें शामिल नहीं है)। कुल लागत 4,000 करोड़ से अधिक रहने की संभावना है। इसमें से 20 किलोमीटर का हिस्सा YEIDA के अधिकार क्षेत्र में आएगा।
कार्गो और औद्योगिक कनेक्टिविटी को मिलेगी ताकत
इस नए एक्सप्रेसवे के बन जाने से—
इससे लॉजिस्टिक्स, निर्यात और औद्योगिक गतिविधियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय विकास की उम्मीद
नोएडा एयरपोर्ट और गंगा एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाली यह परियोजना पश्चिमी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और परिवहन नेटवर्क को अत्यधिक गति देगी। इससे न सिर्फ यात्री, बल्कि MSME और बड़े उद्योग भी निर्बाध कनेक्टिविटी का लाभ उठा सकेंगे।