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UP SIR: 15 जिलों में बढ़ी सियासी हलचल, 2.89 करोड़ वोट कटने की आशंका से सपा-बीजेपी दोनों की बढ़ी टेंशन

अब तक सामने आए आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी इलाकों में सबसे अधिक वोट कटे हैं। प्रदेश स्तर पर औसतन 18.7 प्रतिशत मतदाता असंग्रहणीय (Uncollectable) पाए गए हैं, जबकि टॉप-10 जिलों में यह औसत 25.23 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
UP SIR: 15 जिलों में बढ़ी सियासी हलचल, 2.89 करोड़ वोट कटने की आशंका से सपा-बीजेपी दोनों की बढ़ी टेंशन

उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया ने सियासी दलों की चिंता बढ़ा दी है। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में करीब 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम कटने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि अभी तक फाइनल ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी नहीं हुई है, लेकिन अनुमानित आंकड़ों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

शहरी इलाकों में सबसे ज्यादा वोट कटने का अनुमान

अब तक सामने आए आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी इलाकों में सबसे अधिक वोट कटे हैं। प्रदेश स्तर पर औसतन 18.7 प्रतिशत मतदाता असंग्रहणीय (Uncollectable) पाए गए हैं, जबकि टॉप-10 जिलों में यह औसत 25.23 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसके अलावा प्रदेश के 30 ऐसे जिले हैं, जहां वोट कटने का प्रतिशत राज्य औसत से अधिक बताया जा रहा है।

बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले शहर बने चिंता का कारण

विशेषज्ञों के अनुसार जिन शहरी जिलों में सबसे ज्यादा वोट कटे हैं, वे भारतीय जनता पार्टी के मजबूत क्षेत्र माने जाते हैं। इससे बीजेपी की रणनीति पर असर पड़ने की चर्चा शुरू हो गई है।

प्रमुख शहरी जिले (20% से अधिक वोट कटने का अनुमान)

  • गाजियाबाद – 28.83%

  • लखनऊ – 24.40%

  • कानपुर नगर – 24.10%

  • मेरठ – 24.66%

  • प्रयागराज – 23.80%

  • आगरा – 23.25%

  • हापुड़ – 22.30%

  • वाराणसी – 22.70%

ग्रामीण जिलों में भी भारी कटौती

SIR प्रक्रिया के दौरान ग्रामीण जिलों में भी बड़ी संख्या में नाम कटने का अनुमान है।

  • बलरामपुर – 25.98%

  • बहराइच – 20.44%

  • सिद्धार्थनगर – 20.33%

  • संभल – 20.29%

  • बदायूं – 20.39%

  • कन्नौज – 21.57%

  • शाहजहांपुर – 21.76%

सियासी दलों की प्रतिक्रिया

इन आंकड़ों को लेकर अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने भारतीय निर्वाचन आयोग में औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी पदाधिकारियों और प्रशासन को SIR प्रक्रिया को गंभीरता और पारदर्शिता से पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फाइनल ड्राफ्ट की तारीख बढ़ाए जाने पर सवाल उठाते हुए आशंका जताई है कि मानवीय भूल के नाम पर आंकड़े और न बढ़ जाएं।

इसके अलावा चंद्रशेखर आज़ाद ने भी इतनी बड़ी संख्या में वोट कटने पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में जिन लोगों ने मतदान किया था, उनकी जिम्मेदारी अब कौन लेगा।

फाइनल ड्राफ्ट पर टिकी निगाहें

अब सभी राजनीतिक दलों और मतदाताओं की नजरें SIR की फाइनल ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि यह सूची जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में और बड़ा भूचाल आ सकता है।

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