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UP News: यूपी में पार्क फेसिंग और कॉर्नर प्लॉट अब और महंगे, नई सर्किल रेट लिस्ट लागू

उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। प्रदेश में नई मानकीकृत कलेक्टर दर (Circle Rate) लागू कर दी गई है, जिसके बाद अब संपत्तियों का मूल्यांकन पहले की तुलना में अधिक पारदर्शी और एकरूप होगा।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
UP News: यूपी में पार्क फेसिंग और कॉर्नर प्लॉट अब और महंगे, नई सर्किल रेट लिस्ट लागू

उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। प्रदेश में नई मानकीकृत कलेक्टर दर (Circle Rate) लागू कर दी गई है, जिसके बाद अब संपत्तियों का मूल्यांकन पहले की तुलना में अधिक पारदर्शी और एकरूप होगा।

नई नीति के तहत पार्क फेसिंग, कॉर्नर प्लॉट, और मल्टी रोड फेसिंग प्लॉट का सर्किल रेट अब पहले से 10 से 20% तक अधिक होगा। इससे ऐसे प्रीमियम प्लॉट खरीदना पहले से महंगा हो जाएगा।

नीचे नई दरों का पूरा अपडेट-

यूपी में नई सर्किल रेट नीति: क्या-क्या बदला?

1. पार्क फेसिंग / कॉर्नर प्लॉट होंगे महंगे

  • अब किसी भी रिहायशी, वाणिज्यिक या औद्योगिक प्लॉट का सर्किल रेट-
  • पार्क के सामने होने पर 10-20% ज़्यादा
  • दो या अधिक सड़कों से लगने पर 10-20% ज़्यादा
  • मतलब-कॉर्नर / पार्क व्यू प्रॉपर्टी = प्रीमियम + महंगी

2. कृषि भूमि का मूल्यांकन: सड़क से दूरी बनेगी आधार

नई नीति के अनुसार- खेत जितना सड़क के नज़दीक होगा, रेट उतना ज़्यादा, दूरी बढ़ने पर रेट उसी अनुपात में कम

3. सरकारी और प्राधिकरण वाली संपत्तियों का मूल्यांकन

यदि भूमि- यूपीसीडा, नोएडा प्राधिकरण, यीडा, UP Awas Vikas परिषद की है, तो उसका मूल्यांकन सरकारी निर्धारित दरों पर ही होगा। वहीं अगर दो दरों में अंतर है → सबसे ऊंची दर लागू होगी।

4. बड़ी जमीन पर मूल्यह्रास (Depreciation) की सुविधा

  • 1000 वर्गमीटर तक की जमीन → सामान्य तरीका
  • 1000 वर्गमीटर से अधिक → 30% तक मूल्यह्रास की छूट

5. प्लॉट पर मौजूद बोरिंग/हैंडपंप / नल का अलग मूल्यांकन

नई लिस्ट में- बोरवेल, सबमर्सिबल, हैंडपंप, कुआं इनका अलग से मूल्यांकन किया जाएगा।

6. मंज़िल वार प्लॉट और बिल्डिंग वैल्यू के नियम

  • 1 से 4 मंज़िल तक अलग-अलग अविभाजित भूभाग मान्य
  • 2 मंज़िला भवन – प्रत्येक मंज़िल के लिए 50% जमीन हिस्सा
  • 3 मंज़िला – प्रत्येक मंज़िल 33.33% हिस्सा
  • 4 मंज़िला – प्रत्येक मंज़िल 25% हिस्सा
  • 4 से ऊपर की इमारतें- वैल्यूएशन अपार्टमेंट/मल्टीस्टोरी के रेट पर होगा

7. छत (Roof Rights) की रजिस्ट्री: नई दरें

अब छत की रजिस्ट्री भी तय दरों पर-

मंज़िल छत का मूल्यांकन

  • भूमिगत तल 50%
  • प्रथम तल 33% (1/3)
  • द्वितीय तल 25% (1/4)
  • तृतीय तल व ऊपर 20% (1/5)

8. भवन की उम्र के अनुसार डेप्रिसिएशन

भवन की उम्र छूट (%)

  • 20 वर्ष तक 0%
  • 20-30 वर्ष 20%
  • 30-40 वर्ष 30%
  • 40-50 वर्ष 40%
  • 50 वर्ष से अधिक 50%

नोट: भवन की उम्र का प्रमाण देना होगा तभी छूट मिलेगी।

इस बदलाव के फायदे

स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल के अनुसार-

  • संपत्ति मूल्यांकन होगा पारदर्शी
  • खरीदार-विक्रेता को रेट स्पष्ट मिलेंगे
  • स्टांप चोरी रुकेगी
  • राजस्व में वृद्धि होगी
  • रियल एस्टेट मार्केट में एकरूपता आएगी
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