उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज बड़ा बदलाव दर्ज हुआ है। केंद्र सरकार में राज्यमंत्री और सात बार के सांसद पंकज चौधरी को भारतीय जनता पार्टी ने यूपी नए प्रदेश अध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। महराजगंज जैसे सीमाई जिले से उठकर प्रदेश की राजनीति में शीर्ष पद तक पहुंचने का उनका सफर प्रेरणा और संघर्ष दोनों का प्रतीक है।
पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर बहुत साधारण पद से शुरू हुआ था। वर्ष 1989 में उन्होंने गोरखपुर नगर निगम से पार्षद का चुनाव लड़ा और पहली बार जनप्रतिनिधि बने। इसी साल प्रशासनिक पुनर्गठन के बाद गोरखपुर से अलग होकर महराजगंज नया जिला बना, और उसके बाद पंकज चौधरी ने अपनी राजनीतिक यात्रा को पूरी तरह महराजगंज की जनता के बीच केंद्रित कर दिया। पार्षद से शुरू हुआ सफर धीरे-धीरे जिला, मंडल और फिर राष्ट्रीय राजनीति के मंच तक पहुंचा।
वर्ष 1991 उनके जीवन का निर्णायक मोड़ साबित हुआ, जब उन्होंने पहली बार महराजगंज लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद में प्रवेश किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अलग-अलग राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद 7 बार सांसद चुने गए। उनकी शांत स्वभाव, सरल छवि और विकास के मुद्दों पर केंद्रित राजनीति ने उन्हें क्षेत्र का लोकप्रिय चेहरा बना दिया।
पंकज चौधरी कुर्मी समाज के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं, जिनकी पकड़ पूर्वांचल के साथ-साथ पूरे प्रदेश में मजबूत मानी जाती है। वे वर्तमान में केंद्र सरकार में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत है, जहां उन्होंने प्रशासनिक दक्षता और व्यवहारिक राजनीति का संतुलन दिखाया। संगठन में उनके अनुभव और जनसंवाद की क्षमता को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें प्रदेश की कमान सौंपकर स्पष्ट संकेत दिया है कि आगामी चुनावों में पार्टी बड़े सामाजिक संतुलन और क्षेत्रीय समीकरणों पर फोकस कर रही है।
शिक्षा के क्षेत्र में भी पंकज चौधरी का मजबूत आधार रहा है। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीतिक रही है—उनकी माता उज्ज्वल चौधरी महराजगंज जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं, जिसका प्रभाव उनके सार्वजनिक जीवन में स्पष्ट दिखाई देता है।
पार्षद से सांसद और अब प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश की राजनीति के सबसे अनुभवशाली, संतुलित और प्रभावशाली नेताओं की श्रेणी में खड़ा करता है। प्रदेश संगठन अब उनसे नए नेतृत्व, बेहतर समन्वय और चुनावी रणनीति की नई दृष्टि की उम्मीद कर रहा है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी अपने सहज व्यवहार, कर्मठता और सरल व्यक्तित्व के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष पसंद माने जाते हैं। इसकी झलक 7 जुलाई 2023 को गोरखपुर में गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के दौरान देखने को मिला था, जब प्रधानमंत्री ने बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के पंकज चौधरी के आवास जाने का निर्णय लिया था।
गोरखपुर के घंटाघर स्थित हरिवंश गली में पंकज चौधरी का आवास संकरी सड़क पर होने के कारण प्रधानमंत्री का काफिला लगभग 200 मीटर पहले ही रुक गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पैदल चलते हुए पंकज चौधरी के घर पहुंचे थे। यह दृश्य वहां मौजूद लोगों के लिए बेहद भावुक और अविस्मरणीय रहा।
प्रोफाइल
नाम- पंकज चौधरी
जन्मतिथि-15 नवंबर 1964.
शिक्षा – स्नातक
पिता – भगवती प्रसाद चौधरी
माता – उज्ज्वला चौधरी
पत्नी-भाग्यश्री चौधरी
व्यवसाय – उद्योग व कृषि
राजनीतिक सफर
1989 में नगर निगम गोरखपुर के पार्षद व उप सभापति चुने गए। 1991, 1996, 1998, 2004, 2014, 2019 व 2024 में महराजगंज से सांसद बने। 1999 और 2009 के लोकसभा चुनाव में पराजित हुए। 2021 में मोदी सरकार के दूसरे व 2024 में तीसरे कार्यकाल में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री बने।