नोएडा में अब बहुमंजिला इमारतों की मजबूती की जांच सरकारी इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ-साथ प्राइवेट एजेंसियों से भी कराई जाएगी। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण जल्द ही रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी करेगा। इस प्रक्रिया के तहत 10 निजी कंपनियों का पैनल तैयार किया जाएगा जो पहले इमारत का निरीक्षण कर यह बताएंगी कि उसमें स्ट्रक्चरल ऑडिट की जरूरत है या नहीं।
अब कोई भी सोसाइटी अगर स्ट्रक्चर ऑडिट कराना चाहती है, तो उसे पहले पैनल में शामिल इन 10 निजी कंपनियों में से किसी एक से निरीक्षण रिपोर्ट प्राप्त करनी होगी। केवल कमजोर घोषित इमारतों का ही बाद में सरकारी इंजीनियरिंग संस्थानों द्वारा स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा। इससे बायर्स का समय और पैसा दोनों बचेगा।
इन निजी एजेंसियों को प्रति वर्ग फीट के हिसाब से भुगतान किया जाएगा, जिसकी दरें प्राधिकरण तय करेगा। इससे बायर्स को कई विकल्प मिलेंगे और वे अपनी सुविधा व बजट के अनुसार एजेंसी चुन सकेंगे।
वर्तमान में नोएडा प्राधिकरण के पैनल में ये आठ प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं:
नोएडा की कई पुरानी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज — जैसे सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट, ग्रेट वैल्यू शरणम, अंतरिक्ष नेचर आदि ने स्ट्रक्चर ऑडिट की मांग की है। लेकिन अभी तक इस पर बनी सरकारी कमेटी ने कोई प्रभावी निरीक्षण नहीं किया, जिससे प्राधिकरण को निजी एजेंसियों को शामिल करने का निर्णय लेना पड़ा।
प्राधिकरण की स्ट्रक्चर ऑडिट पॉलिसी के अनुसार, 1 अप्रैल 2023 के बाद से कोई भी 15 मीटर से ऊंची इमारत तभी कंप्लीशन सर्टिफिकेट के योग्य मानी जाएगी, जब बिल्डर स्ट्रक्चरल ऑडिट सर्टिफिकेट संलग्न करेगा। ऐसा न करने पर उसका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई नई RFP डॉक्यूमेंट में चयन की शर्तों को सरल बनाया गया है, ताकि अधिकतम योग्य एजेंसियां आवेदन कर सकें। एक सलाहकार फर्म की मदद से यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है और जल्द ही RFP पोर्टल पर जारी की जाएगी।
नोएडा प्राधिकरण का यह कदम बिल्डिंग सेफ्टी को लेकर बायर्स के भरोसे को बढ़ावा देगा। अब कोई भी बिल्डर अधिभोग प्रमाणपत्र के लिए मनमाने तरीके से आवेदन नहीं कर सकेगा। इससे निर्माण गुणवत्ता को लेकर जवाबदेही और पारदर्शिता आएगी।