नोएडा प्राधिकरण शहर में बढ़ते औद्योगिक और परिवहन दबाव को देखते हुए अब ‘सिटी लॉजिस्टिक्स प्लान (CLP)’ तैयार करने जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य है – कच्चे माल और तैयार उत्पादों की आवाजाही को तेज, सुरक्षित और सुगम बनाना, ताकि ट्रैफिक जाम से बचते हुए माल समय पर उद्योगों और बाजारों तक पहुंच सके।
प्राधिकरण इस प्लान के लिए एक विशेष एजेंसी का चयन करेगा, जो पूरे शहर का लॉजिस्टिक ब्लूप्रिंट तैयार करेगी। इस एजेंसी के चयन के लिए एक समिति गठित की जा रही है, जिसमें प्राधिकरण के फाइनेंस, प्लानिंग, टेक्निकल और विधि विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।
नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि एजेंसी चयन के बाद उसे छह महीने की समयसीमा दी जाएगी, जिसके भीतर शहर का सिटी लॉजिस्टिक प्लान तैयार कर लागू करवाया जाएगा। इस दौरान एजेंसी शहर की सड़कों, वेयरहाउस, इंडस्ट्रियल क्लस्टर और मार्केट जोन का विस्तृत सर्वेक्षण करेगी।
सतीश पाल के अनुसार, इस प्लान के तहत यह पता लगाया जाएगा कि शहर की किन सड़कों से सबसे ज्यादा लॉजिस्टिक मूवमेंट होता है।
इन सड़कों को चिन्हित कर, उनके आसपास लोडिंग-अनलोडिंग, ट्रक पार्किंग, वेयरहाउसिंग और ट्रांसपोर्ट जोन विकसित करने की सिफारिश की जाएगी। इससे ट्रकों की अनियंत्रित आवाजाही कम होगी और आवासीय क्षेत्रों में भारी वाहनों की एंट्री रोकी जा सकेगी।
नोएडा के औद्योगिक क्षेत्र में 10,000 से अधिक फैक्ट्रियां सक्रिय हैं। CLP लागू होने से इन सभी इकाइयों को स्मूद सप्लाई चेन और कम लॉजिस्टिक लागत का लाभ मिलेगा। इसके अलावा यह प्लान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) तक कार्गो सेवाओं को भी गति देगा।
वर्तमान में नोएडा में ट्रकों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए कोई तय लॉजिस्टिक प्लान नहीं है। इस कारण कई बार भारी वाहन रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों में घुस जाते हैं, जिससे जाम और प्रदूषण बढ़ता है। CLP लागू होने के बाद ट्रकों की आवाजाही नॉन-पीक आवर में तय होगी, और अलग-अलग लॉजिस्टिक ज़ोन चिह्नित किए जाएंगे। इससे वायु प्रदूषण और ट्रैफिक जाम दोनों में कमी आएगी।
नोएडा प्राधिकरण यह प्लान भारत सरकार की नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी (NLP) के अनुरूप तैयार करेगा। इसके तहत फ्रेट पार्टनरशिप कमेटी (FPC) बनाई जाएगी, जिसमें सरकारी अधिकारी, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, लॉजिस्टिक प्रदाता, और शैक्षणिक विशेषज्ञ
शामिल होंगे। ये समितियां ई-कॉमर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स जैसे क्षेत्रों के लिए सेक्टर-वाइज एक्शन प्लान तैयार करेंगी।
स्मार्ट और सस्टेनेबल शहर की ओर कदम
नोएडा का यह नया लॉजिस्टिक प्लान शहर को स्मार्ट, सस्टेनेबल और जाम-फ्री ट्रांसपोर्ट नेटवर्क की दिशा में ले जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल स्थानीय उद्योगों की उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि नोएडा में विदेशी निवेश और निर्यात क्षमता भी मजबूत होगी।