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Noida Safe City Project: 212 करोड़ की योजना पर 1500 सवाल, प्री-बिड मीटिंग में 60 कंपनियों की भागीदारी

नोएडा सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 561 लोकेशन पर 2634 हाईटेक कैमरे लगाए जाएंगे। 212 करोड़ की इस योजना की प्री-बिड मीटिंग में 60 कंपनियों के प्रतिनिधियों ने 1500 से ज्यादा सवाल पूछे।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
Noida Safe City Project: 212 करोड़ की योजना पर 1500 सवाल, प्री-बिड मीटिंग में 60 कंपनियों की भागीदारी

नोएडा प्राधिकरण द्वारा 212 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किए जा रहे सेफ सिटी प्रोजेक्ट की प्री-बिड बैठक में 60 कंपनियों के 110 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान प्राधिकरण को 1500 से अधिक सवालों की सूची सौंपी गई, जिनमें से अधिकतर सवाल टेंडर की लागत और तकनीकी मानकों से संबंधित थे।

अधिकारियों के अनुसार, सवालों के जवाब तैयार किए जा रहे हैं और जल्द ही सभी प्रतिभागी कंपनियों को उपलब्ध करा दिए जाएंगे। इसके बाद ही कंपनियां टेंडर में हिस्सा लेंगी। टेंडर खोलने की तिथि 16 मई निर्धारित की गई है।

561 लोकेशन पर 2634 कैमरे, 250 किमी फाइबर लाइन बिछेगी

प्रोजेक्ट के तहत नोएडा शहर की सुरक्षा के लिए 561 स्थानों पर कुल 2634 कैमरे लगाए जाएंगे। कैमरों के संचालन के लिए 250 किलोमीटर लंबी ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाई जाएगी जो सीधे सेक्टर-94 स्थित कमांड कंट्रोल सेंटर से जुड़ी होगी।

यह कमांड सेंटर नोएडा के 13 थानों से भी कनेक्टेड रहेगा, जिससे पुलिस 24×7 लाइव निगरानी कर सकेगी। कंट्रोल रूम में वीडियो वॉल्स और मॉनिटरिंग डेस्क लगाए जाएंगे।

कैमरों की प्रमुख श्रेणियां होंगी ये

  • 1543 फिक्स सर्विलांस कैमरे (4MP)
  • 406 जूम कैमरे (2MP)
  • 100 ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे (8MP)
  • फेस डिटेक्शन कैमरे भी रणनीतिक स्थानों पर लगाए जाएंगे

सुरक्षा के लिए 147 पैनिक बटन और 418 स्पीकर सिस्टम

प्रोजेक्ट के अंतर्गत 147 पैनिक बटन कॉल बॉक्स लगाए जाएंगे जो किसी भी आपात स्थिति में सीधे नजदीकी थाना या चौकी से संपर्क स्थापित करेंगे। इसके साथ 418 पब्लिक एड्रेस सिस्टम (स्पीकर आधारित) और 20 डिजिटल साइनबोर्ड भी लगाए जाएंगे।

बदमाशों की होगी पहचान, नंबर प्लेट से लेकर चेहरे तक की निगरानी

नोएडा पुलिस के पास अपराधियों का डेटा पहले से डिजिटल रूप में मौजूद है। इन कैमरों की मदद से यदि कोई वांछित अपराधी कैमरे के सामने आता है, तो उसकी लाइव लोकेशन और पहचान कंट्रोल रूम में तुरंत अलर्ट के रूप में प्रदर्शित होगी। नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे वाहनों की पहचान करेंगे और फेस डिटेक्शन सिस्टम लोगों की सटीक पहचान सुनिश्चित करेगा।

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