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Noida News: प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों पर एफआईआर, चार नामजद

नोएडा सेक्टर-113 क्षेत्र के सोरखा गांव में प्राधिकरण की अधिसूचित भूमि पर रात के अंधेरे में अवैध निर्माण, चार नामजद और अज्ञात पर केस दर्ज। चेतावनी बोर्ड के बावजूद कब्जे की कोशिश जारी।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Noida News: प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों पर एफआईआर, चार नामजद

नोएडा के थाना सेक्टर-113 क्षेत्र अंतर्गत गांव सोरखा में नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित भूमि पर अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर एक बार फिर से गंभीर मामला सामने आया है। प्राधिकरण की ओर से चार लोगों को नामजद करते हुए और कुछ अज्ञात के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

रात के अंधेरे में चोरी-छिपे हो रहा था निर्माण

नोएडा प्राधिकरण के अवर अभियंता निखिल मित्तल ने बताया कि गांव सोरखा के खसरा संख्या-282 की जमीन प्राधिकरण के अधीन अधिसूचित भूमि है। लेकिन इसके बावजूद संदीप, लाल सिंह व अन्य द्वारा वहां अवैध निर्माण किया जा रहा था। अधिकारियों की कई बार चेतावनी के बावजूद रात के अंधेरे में चोरी-छिपे निर्माण कार्य कराया जा रहा था।

प्राधिकरण की चेतावनी के बावजूद जारी था निर्माण कार्य

प्राधिकरण ने इस अधिसूचित भूमि पर चेतावनी बोर्ड भी लगाया था, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि यह जमीन प्राधिकरण की है और यहां कोई निर्माण अवैध होगा। बावजूद इसके कृपाल, सुरेंद्र और अन्य लोग गांव सोरखा के ही खसरा संख्या-354 पर भी निर्माण करते पाए गए।

भूलेख विभाग और वर्क सर्किल की कोशिशें रहीं नाकाम

प्राधिकरण द्वारा भूलेख विभाग और वर्क सर्किल स्तर पर कई बार कार्रवाई के प्रयास किए गए, लेकिन अवैध निर्माणकर्ता कानून की अनदेखी करते रहे। अब पुलिस को दी गई शिकायत के आधार पर FIR दर्ज कर ली गई है।

पुलिस जांच शुरू, होगी कड़ी कार्रवाई

थाना सेक्टर-113 के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण की ओर से मिली शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जांच के बाद अवैध निर्माणकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्राधिकरण की जमीन पर निर्माण है पूरी तरह अवैध

प्राधिकरण ने आम जनता को चेतावनी दी है कि किसी भी अधिसूचित भूमि पर बिना अनुमति के निर्माण करना पूरी तरह अवैध है और इसके लिए दंडनीय प्रावधान हैं। साथ ही जो लोग ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं, उन पर ध्वस्तीकरण, आर्थिक दंड और कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

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