नोएडा में प्रस्तावित फिल्म सिटी प्रोजेक्ट को लेकर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने कड़ा रुख अपनाया है। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि बिना लेआउट और बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति के कोई भी निर्माण कार्य या शिलान्यास कार्यक्रम नहीं किया जा सकता। यह निर्देश 2 मई को डेवलपर बेव्यू भूटानी फिल्म सिटी प्राइवेट लिमिटेड को पत्र के माध्यम से जारी किया गया।
प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि यदि समयबद्ध तरीके से निर्माण कार्य शुरू नहीं होता है तो प्रति दिन ₹1.5 लाख का जुर्माना लगेगा। समझौते के अनुसार, प्रोजेक्ट के दो मुख्य घटक — फिल्म स्टूडियो और फिल्म प्रशिक्षण संस्थान — को पहले तीन वर्षों में पूरा करना अनिवार्य होगा।
इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए डेवलपर्स को आठ वर्षों में कुल ₹1510 करोड़ का निवेश करना होगा। निवेश का विवरण इस प्रकार है:
● दूसरे वर्ष में ₹50 करोड़
● तीसरे वर्ष में ₹75 करोड़
● चौथे से आठवें वर्ष तक हर वर्ष ₹100 करोड़
साथ ही प्रोजेक्ट को ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग (GRIHA 4-Star या IGBC Gold) प्राप्त करनी होगी।
फिल्म सिटी की योजना के अनुसार, व्यवसायिक गतिविधियाँ तीन प्रमुख ज़ोन में विकसित होंगी:
● होटल, थीम पार्क, डिज्नीलैंड
● फिल्म विश्वविद्यालय और प्रशिक्षण केंद्र
● शॉपिंग सेंटर और सात सितारा होटल
यह क्षेत्र यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे विकसित होगा, जिससे इसकी दृश्यता और यातायात आकर्षण दोनों को बल मिलेगा।
अनुबंध के अनुसार, विकासकर्ता को सबसे पहले फिल्म शूटिंग से संबंधित बुनियादी संरचनाओं का निर्माण करना होगा। यह शर्त परियोजना की प्राथमिकता को दर्शाती है, ताकि फिल्म निर्माण से जुड़ी इकाइयाँ जल्द से जल्द कार्यरत हो सकें।
नोएडा की यह फिल्म सिटी न केवल उत्तर भारत का प्रमुख फिल्म हब बनने की दिशा में अग्रसर है, बल्कि यह नोएडा को एक ग्लोबल एंटरटेनमेंट हब के रूप में भी स्थापित करेगी। यमुना प्राधिकरण के सख्त निर्देशों से यह सुनिश्चित होगा कि योजना समय पर, पारदर्शी तरीके से और गुणवत्तापूर्ण रूप में पूरी की जाए।