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Noida: नोएडा प्राधिकरण ने ATS को नोटिस भेजा, स्पोर्ट्स सिटी परियोजना में 10 साल की देरी

नोएडा सेक्टर-152 स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में देरी और नियम उल्लंघन पर ATS को नोटिस। खेल सुविधाएं 5 साल में और फ्लैट 7 साल में पूरे न होने पर कार्रवाई शुरू। ग्रीन एरिया और बकाया भुगतान में भी लापरवाही सामने आई।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Noida: नोएडा प्राधिकरण ने ATS को नोटिस भेजा, स्पोर्ट्स सिटी परियोजना में 10 साल की देरी

नोएडा प्राधिकरण ने स्पोर्ट्स सिटी सेक्टर-152 की परियोजना में लगातार देरी और नियमों के उल्लंघन को लेकर ATS होम्स प्राइवेट लिमिटेड कंसोर्टियम को कड़ा नोटिस जारी किया है। यह भूखंड (SC-01) 16 जुलाई 2015 को एलॉट किया गया था, लेकिन 10 साल में भी न खेल सुविधाएं बनीं, न फ्लैट और न ही वाणिज्यिक निर्माण पूरा हुआ।

समयसीमा का पालन नहीं, निर्माण अधूरा

लीज डीड की शर्तों के अनुसार — 5 साल के भीतर खेल गतिविधियों का पूरा निर्माण होना था। 7 साल में (29 दिसंबर 2022 तक) पूरे आवासीय और वाणिज्यिक निर्माण पूरा करके OC (Occupancy Certificate) लेना था। लेकिन प्राधिकरण की निरीक्षण टीम ने 4 नवंबर 2025 को जब साइट का दौरा किया, तो पाया कि —

  • खेल सुविधाओं का निर्माण पूरा ही नहीं हुआ।
  • आवासीय टावर और वाणिज्यिक हिस्सों का काम भी तय समय में नहीं हुआ।
  • बिल्डिंग बाई-लॉज और स्वीकृत मानचित्र के अनुसार निर्माण नहीं किया गया।

ग्रीन एरिया को भी नज़रअंदाज़ किया

प्राधिकरण ने यह भी पाया कि — उप-भूखंडों में ग्रीन कवरेज और हरित क्षेत्र की स्वीकृत मात्रा के अनुसार भी काम शुरू नहीं हुआ। बार-बार नोटिस देने के बावजूद डेवलपर ने प्राधिकरण का बकाया भी जमा नहीं किया।

नियमों के उल्लंघन पर जारी हुआ नोटिस

प्राधिकरण ने लीज डीड की शर्तों एवं न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करने पर लीड मेंबर (ATS) को औपचारिक नोटिस भेज दिया है। नोटिस में कहा गया है कि — निर्माण में देरी, बकाया भुगतान न करना, ग्रीन एरिया का उल्लंघन, और स्वीकृत योजना से विचलन भारी अनियमितताएं हैं और कार्रवाई के योग्य हैं।

परियोजना का स्ट्रक्चर

स्पोर्ट्स सिटी परियोजना कुल 10 सब-डिवीज़न में विभाजित है —

  • 4 उप-भूखंडों पर आवासीय टावर
  • 4 उप-भूखंड वाणिज्यिक उपयोग के लिए
  • इन सभी के मानचित्र स्वीकृत थे, लेकिन निर्माण प्रगति बेहद धीमी रही।

आगे क्या?

सूत्रों के अनुसार, यदि ATS तय समय में जवाब नहीं देता या शर्तों का पालन नहीं करता, तो प्राधिकरण — प्लॉट की लीज रद्द, बकाया रिकवरी, और प्रोजेक्ट हैंडओवर जैसे कड़े कदम उठा सकता है।

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