न्यू नोएडा (DNGIR) परियोजना को लेकर प्राधिकरण ने एक और अहम कदम उठाया है। प्राधिकरण के नियोजन अधिकारी को इस परियोजना का नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। अधिसूचित क्षेत्र की जमीन पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे, जिन पर साफ तौर पर लिखा होगा कि यह भूमि DNGIR के लिए अधिसूचित है और यहां किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य अवैध माना जाएगा। यह कदम अवैध निर्माणों को रोकने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सतीश पाल ने जानकारी दी कि अब अधिग्रहण प्रक्रिया तेज की जाएगी। इससे पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और बुलंदशहर जिलाधिकारी के साथ मिलकर मुआवजा दरें तय की जाएंगी। डक ड्रोन सर्वे और सेटेलाइट मैपिंग के जरिये यह स्पष्ट किया जाएगा कि अधिसूचना जारी होने की तारीख के बाद कौन-कौन से निर्माण अवैध हैं। इसके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
DNGIR शहर लगभग 209.11 वर्ग किमी क्षेत्र में बसाया जाएगा, जिसमें कुल 80 गांवों की जमीन शामिल होगी। इसका विकास चार चरणों में किया जाएगा।
हर चरण से पहले जमीन अधिग्रहण और मुआवजा प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि न्यू नोएडा के लिए जमीन का अधिग्रहण आपसी सहमति के आधार पर किया जाएगा। इस संबंध में मुआवजा दरों पर विस्तार से चर्चा की गई है, हालांकि अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। प्रारंभिक चरण में 15 गांवों की जमीन ली जाएगी, जिसमें करीब 200 किसान परिवार प्रति गांव के हिसाब से लगभग 16,000 परिवारों के साथ बैठक की जाएगी।
शहर के मास्टर प्लान के अनुसार क्या किया गया ब्रेकअप
लैंड यूज | हेक्टेयर |
रेजिडेंशियल | 2810.54 |
कॉमर्शियल | 849.97 |
पीएसपी इंस्टीट्यूशनल | 1739.93 |
फैसिलिटी / यूटिलिटी | 195.97 |
इंडस्ट्री | 8420 |
ग्रीन पार्क | 1792.26 |
ग्रीन बेल्ट एंड बफर | 1432.73 |
रिक्रेशनल | 530.22 |
वाटर बॉडी | 122.77 |
ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन | 2963.61 |