उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार अब आयुष सेक्टर को नई उड़ान देने जा रही है। प्रदेश में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को बढ़ावा देने के लिए नई आयुष पॉलिसी 2026 तैयार की जा रही है। यह नीति न सिर्फ आयुष उद्योग को गति देगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा भी देगी।
नई नीति के तहत राज्य सरकार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधुनिक आयुष अस्पताल, वेलनेस सेंटर, मेडिकल कॉलेज और रिसर्च संस्थान विकसित करेगी। इससे-
प्रदेश में उच्च गुणवत्ता वाली आयुष सेवाएं उपलब्ध होंगी
निजी निवेश बढ़ेगा
रोजगार और कारोबारी अवसरों में वृद्धि होगी
नई आयुष पॉलिसी में रिसर्च आधारित उपचार और आधुनिक तकनीक को शामिल करने पर विशेष फोकस रहेगा। इसके तहत-
विभिन्न आयुष प्रणालियों पर वैज्ञानिक रिसर्च
दवाओं की क्वालिटी कंट्रोल और नवाचार पर जोर
ग्लोबल स्तर पर स्वीकृति बढ़ाने के प्रयास
सरकार का लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश आयुष रिसर्च और इनोवेशन का हब बने।
आयुष उद्योग में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार कई तरह की सहूलियतें देने जा रही है, जैसे-
सिंगल विंडो क्लियरेंस
टैक्स इंसेंटिव
भूमि और पूंजी अनुदान
स्टार्टअप को विशेष पैकेज
इन सुविधाओं से आयुष उद्योग में बड़े कारोबारियों, स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए नए अवसर पैदा होंगे।
आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए
हर्बल खेती को प्रोत्साहन
आयुष आधारित पर्यटन के विकास
आयुर्वेदिक दवाओं के मानकीकरण
पर जोर दिया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश भारत के आयुष सेक्टर में अग्रणी राज्य बने।
नई पॉलिसी लागू होने से-
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आयुष सुविधाएँ बढ़ेंगी
मरीजों को सस्ती और प्रभावी उपचार पद्धति उपलब्ध होगी
आयुष चिकित्सा का विस्तार हर जिले तक किया जाएगा
योगी सरकार की आगामी आयुष पॉलिसी 2026 न सिर्फ उद्योग को मजबूती देगी बल्कि उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय और वैश्विक आयुष हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी। इससे स्वास्थ्य सेवाओं, व्यापार, निवेश और शोध सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार देखने को मिलेगा।