गोरखपुर के शाहपुर इलाके के बिछिया स्थित 26वीं वाहिनी पीएसी में सोमवार से पुलिस की ट्रेनिंग करने आईं महिला अभ्यर्थियों ने बिजली पानी समेत विभिन्न समस्याओं को लेकर बुधवार की सुबह जमकर हंगामा किया। महिला रिक्रूट्स हंगामा करते हुए पीएसी गेट पर पहुंच गईं और सड़क जाम कर अव्यवस्था और आईटीसी प्रभारी द्वारा दुर्व्यवहार करने को लेकर प्रदर्शन करने लगीं। जिससे पीएसी कर्मियों में हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंचे जिले के आला अधिकारियों ने महिला अभ्यर्थियों को समझा कर शांत कराया और पीएसी परिसर में भेजा। जिसके बाद 26वीं बटालियन पीएसी, गोरखपुर में रिक्रूट महिला आरक्षियों द्वारा व्यक्त की गई समस्याओं का उत्तर प्रदेश शासन ने गंभीरता से लेते हुए कमांडेंट आनन्द कुमार एवं प्लाटून कमांडर, आरटीसी प्रभारी संजय राय को शिथिल पर्यवेक्षण का दोषी पाते हुए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निलंबित कर दिया । इसके साथ अन्य ट्रेनिंग सेंटर के अधिकारियों के भी तबादले कर दिए गए है
वही सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार पर घेरते हुए कहा कि अगर गोरखपुर जैसी प्रमुख जगहों पर महिला सिपाहियों को ये सब झेलना पड़ रहा है, तो बाकी जगहों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने भाजपा के “नारी वंदना” नारे को जुमला करार दिया.
गौरतलब है 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने न केवल रिकार्ड पुलिस भर्ती की है बल्कि पुलिसकर्मियों की सुविधा के लिए अनेक कार्य किए हैं। पूर्व की सरकारों में जहां प्रशिक्षु और रिजर्व में रहने वाले पुलिसकर्मियों को टेंट के बैरक में रहने को मजबूर होना पड़ता था, वहीं इस सरकार में वे पक्के भवनों में सभी जरूरी सुविधाओं के साथ रहते हैं। सीएम योगी के मार्गदर्शन में पिछले आठ सालों में यूपी पुलिस में 2.16 लाख भर्ती हुई है। इसमें हालिया हुई 60 हजार से अधिक की भर्ती भी शामिल है। पुलिस भर्ती में योगी सरकार ने बेटियों को विशेष प्राथमिकता दी है।