मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश की MSME इकाइयों को बाजार की बदलती जरूरतों के अनुसार निरंतर खुद को अपडेट करते रहना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा MSME बेस है, इसलिए युवाओं को सशक्त बनाने के लिए रणनीतिक पहल जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (CM-युवा) के तहत नए उद्यमियों को ऋण वितरण से पहले गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने पर विशेष बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बैंकिंग संस्थानों से समन्वय बनाकर पात्र युवाओं को समयबद्ध ऋण उपलब्ध कराया जाए। मार्च 2025 तक इस योजना में 3.21 लाख से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से 56 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग 96 लाख MSME इकाइयाँ सक्रिय हैं, जो राज्य के कुल निर्यात में 46% का योगदान कर रही हैं। ये इकाइयाँ सीधे और परोक्ष रूप से 1.65 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार दे रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ की दिशा में MSME क्षेत्र की रणनीतिक मजबूती जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने ‘एक जनपद एक उत्पाद (ODOP)’ योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि यह प्रदेश की पारंपरिक शिल्पकला और लघु उद्योगों को नया जीवन दे रही है। अब तक योजना के अंतर्गत 635 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी वितरित की गई है और लाखों लाभार्थियों को प्रशिक्षण, विपणन और तकनीकी सहायता प्राप्त हुई है। उन्होंने ODOP उत्पादों की वैश्विक ब्रांडिंग, पैकेजिंग और डिजाइन को बेहतर बनाकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि राज्य के 77 उत्पादों को GI टैग प्राप्त है और 25 अन्य उत्पादों के लिए प्रक्रिया प्रगति पर है। इस वित्तीय वर्ष में 75 नए उत्पादों को GI टैग दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन उत्पादों के उद्यमियों को ‘GI ऑथराइज्ड यूजर’ के रूप में पंजीकृत किया जाए ताकि उत्पादों की विशिष्ट पहचान बनी रहे और उनका विपणन प्रभावी हो सके।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में जहां 7,600 कारीगरों को प्रशिक्षण दिया गया था, वहीं 2023-24 में यह संख्या 75,000 से अधिक हो गई। मुख्यमंत्री ने योजना की कवरेज बढ़ाने, प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखने और टूलकिट की मजबूती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स MSME इकाइयों के लिए एक उत्कृष्ट मॉडल है। कानपुर में इसका सफल उदाहरण देखा गया है, और इसे अन्य नगरों में भी विस्तारित किया जाए। उन्होंने निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने और इस मॉडल को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत अब तक 31 हजार से अधिक आवेदन निपटाए गए हैं और 760 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी वितरित की जा चुकी है। इससे लगभग 2.5 लाख रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं की पहुँच ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों तक और व्यापक होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने सीएम फेलोशिप कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उनके कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए ताकि जमीनी स्तर पर नीतियों के प्रभाव का आकलन किया जा सके।