प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गृह मंत्रालय के निर्देश पर एक दिवसीय मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। यह मॉक ड्रिल सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक ग्राम पंचायत से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक विभिन्न सार्वजनिक और प्रशासनिक स्थलों पर की जाएगी।
इस व्यापक अभ्यास का उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में जनजीवन की रक्षा, समय पर निकासी, सूचना प्रबंधन और सुरक्षा बलों के समन्वय की जांच करना है। मॉक ड्रिल के माध्यम से यह आकलन किया जाएगा कि किसी आपदा या आतंकी हमले जैसी विकट स्थिति में आम जनता को कैसे सुरक्षित किया जा सकता है और उन्हें किस प्रकार जागरूक किया जाना चाहिए।
मॉक ड्रिल से पूर्व राजकीय अतिथि गृह में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें सेना, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ विभिन्न संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में मॉक ड्रिल की योजना, समयबद्ध क्रियान्वयन और जनसमुदाय की भागीदारी पर चर्चा की गई।
ड्रिल के दौरान बनारस रेल इंजन कारखाना (BLW) में ब्लैकआउट की स्थिति उत्पन्न की जाएगी, जिससे बिजली कटौती जैसी परिस्थिति में प्रतिक्रिया तंत्र की क्षमता का परीक्षण किया जा सके। इसी तरह विश्वविद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों, बाज़ार क्षेत्रों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी सुरक्षा अभ्यास किया जाएगा।
वाराणसी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में यह मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। वहीं देशभर के टियर 1, टियर 2 और टियर 3 शहरों को इस ड्रिल में शामिल किया गया है। वाराणसी को टियर 2 श्रेणी में रखा गया है, जहाँ शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की तैयारी का परीक्षण किया जाएगा।