शहर में नकली दवाओं के कारोबार का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। बिरहाना रोड स्थित मेसर्स फार्म नामक दवा कंपनी पर ब्रांडेड दवाओं में खड़िया पाउडर मिलाकर बेचने का गंभीर आरोप लगा है। शिकायत और जांच के आधार पर ड्रग विभाग ने सीएमएस कोर्ट में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
ड्रग विभाग की जांच में सामने आया है कि आरोपी फर्म महंगी रासायनिक सामग्री की जगह सस्ती खड़िया (chalk powder) मिलाकर नकली दवाएं बना रही थी। ये दवाएं बाजार में प्रसिद्ध ब्रांडों के नाम से बेची जा रही थीं, जिससे मरीजों की सेहत पर गंभीर खतरा पैदा हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि खड़िया मिलाई गई दवाओं का सेवन लिवर, किडनी और पेट से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है।
15 सैंपल में पाई गई मिलावट
ड्रग विभाग ने बिरहाना रोड के एक थोक विक्रेता से 15 दवाओं के सैंपल लिए, जिनमें सभी में मिलावट की पुष्टि हुई है। जांच के दौरान फर्म कोई खरीद-बिक्री दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकी, जिससे यह साबित हुआ कि फर्म लंबे समय से फर्जी तरीके से दवाएं बनाकर बाजार में सप्लाई कर रही थी।
फर्जी कारोबार छिपाने के लिए नाम बदलते रहे
ड्रग इंस्पेक्टर ओम पाल के अनुसार, जांच में पता चला कि मेसर्स फार्म के संचालक बार-बार मेडिकल स्टोर के नाम और पते बदलकर नया कारोबार शुरू करते रहे, ताकि विभाग की निगरानी से बच सकें। इस तरह के नेटवर्क से यह संदेह भी बढ़ गया है कि शहर में नकली दवाओं का एक संगठित रैकेट सक्रिय है।
थोक विक्रेताओं से भी की जा रही पूछताछ
विभाग ने उन थोक विक्रेताओं से पूछताछ शुरू कर दी है जिन्होंने इस फर्म से दवाएं खरीदी थीं। उनसे दस्तावेज और बिल मांगे गए हैं, लेकिन कई विक्रेता कोई प्रमाण नहीं दे पाए हैं। “जिन स्टोरों ने बिना वैध स्रोत के दवाएं खरीदी हैं, उनके लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं,” — ड्रग इंस्पेक्टर ओम पाल।
8 मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई, कई ने किए लाइसेंस सरेंडर
विभाग की सख्ती के बाद शहर के कई मेडिकल स्टोर संचालक अपने लाइसेंस सरेंडर करने पहुंचे हैं। अब तक 8 मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई की जा चुकी है, जिनमें से कुछ के लाइसेंस निलंबित भी किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि कई अन्य दवा विक्रेताओं की भी जांच सूची में नाम हैं।
जल्द आएगी सभी सैंपल रिपोर्ट
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, अभी सभी सैंपलों की रासायनिक रिपोर्ट आने में कुछ दिन लगेंगे। रिपोर्ट आने के बाद फर्म के संचालकों और संबंधित मेडिकल स्टोर मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही नकली दवाओं की सप्लाई चेन का भी खुलासा किया जाएगा।
बिरहाना रोड स्थित दवा कंपनी से जुड़ा यह मामला जनस्वास्थ्य से सीधे जुड़ा गंभीर अपराध है। ड्रग विभाग की सख्त कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि नकली दवाओं का कारोबार करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। आगामी दिनों में जांच रिपोर्ट आने के बाद कई और नाम उजागर होने की संभावना है।