मथुरा-वृंदावन और आसपास के इलाकों में यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। तीन दिन पहले ताजेवाला बांध से लगभग 1,04,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके चलते यमुना का जलस्तर बढ़ा और इसका असर सीधे मथुरा शहर व ग्रामीण इलाकों पर पड़ा। यमुना किनारे बसे कई गांवों और कॉलोनियों में पानी भर गया है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर मथुरा-वृंदावन के सभी घाटों पर आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह ने अधिकारियों के साथ हालात का जायजा लिया और बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से अपील की है कि यमुना किनारे न जाएं। डीएम ने कहा कि फिलहाल घबराने जैसी कोई स्थिति नहीं है क्योंकि पिछले तीन-चार दिनों से बारिश नहीं हुई है और जलस्तर धीरे-धीरे घटने लगा है।
प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल 7 से 8 गांव प्रभावित हुए हैं जहां फसलें जलमग्न हो गई हैं। किसानों के नुकसान का आकलन किया जा रहा है ताकि जल्द ही उनकी भरपाई हो सके। वहीं, प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं। लोगों के खाने-पीने और रहने की पूरी व्यवस्था की गई है।
डीएम ने कहा कि शासन ने पहले से ही तैयारी कर ली थी, इसलिए प्रभावित लोगों को तुरंत राहत मिल रही है। किसानों की बर्बाद फसलों का मुआवजा सुनिश्चित किया जाएगा और किसी को भी अकेला महसूस नहीं होने दिया जाएगा। प्रशासनिक सतर्कता और समय पर की गई कार्रवाई से स्थिति पर काबू पाया जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे।