उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत चल रहे इस अभियान में प्रदेश के करीब 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है। यह कार्रवाई निर्धारित समयसीमा में फॉर्म जमा न करने और आवश्यक सत्यापन न होने के कारण की जा रही है।
जानकारी के अनुसार SIR फॉर्म भरने की अंतिम समयसीमा रात 12 बजे तक निर्धारित थी। इसके बावजूद 11 दिसंबर तक करीब 2.91 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म जमा नहीं हो पाए थे। बाद में दिए गए 15 दिन के अतिरिक्त समय में लगभग 10 लाख मतदाताओं ने ही फॉर्म भरे, जिससे बड़ी संख्या में मतदाता अभी भी प्रक्रिया से बाहर रह गए।
चुनाव आयोग की ओर से 31 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद जिन मतदाताओं का सत्यापन अधूरा रहेगा, उनमें से 1.11 करोड़ मतदाताओं को दस्तावेज जमा करने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस मिलने के बाद तय समय में दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
नोटिस प्राप्त करने वाले मतदाता निर्धारित 13 दस्तावेजों में से किसी एक को जमा कर अपना नाम मतदाता सूची में बनाए रख सकेंगे। निर्धारित अवधि में दस्तावेज न देने की स्थिति में मतदाता का नाम अंतिम सूची से हटाया जा सकता है।
चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, सभी आपत्तियों और दस्तावेजों की जांच के बाद अंतिम मतदाता सूची फरवरी माह में प्रकाशित की जाएगी। इसी सूची के आधार पर आगामी चुनावों में मतदान की पात्रता तय होगी।
प्रशासन और निर्वाचन विभाग ने मतदाताओं से अपील की है कि जिन लोगों ने अभी तक SIR से जुड़ी प्रक्रिया पूरी नहीं की है या नोटिस मिलने की संभावना है, वे समय रहते अपने दस्तावेज तैयार रखें, ताकि उनका नाम मतदाता सूची में सुरक्षित रह सके।