लखनऊ को इस साल आठ नए शहरों के साथ यूनेस्को के ‘क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क’ में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि लखनऊ न केवल अपनी जीवंत संस्कृति बल्कि समृद्ध खान–पान परंपरा के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने इसे पूरे देश के लिए गर्व का क्षण और भारत की विविधता व सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक कहा। पीएम मोदी ने दुनियाभर के लोगों से लखनऊ आकर इसकी खासियत और स्वाद को अनुभव करने का आमंत्रण भी दिया।
लखनऊ का खान–पान उसके इतिहास, तहजीब और सदियों पुरानी पाक कला का प्रमाण है। दम पुख्त तकनीक, टुंडे कबाब, गलौटी कबाब, लखनऊ बिरयानी, निहारी, शीर्माल व कुल्फी-फालूदा जैसी व्यंजन दुनियाभर में लोकप्रिय हैं। यहाँ की गलियों में ‘शाही रसोई’ और ‘स्ट्रीट फूड’ दोनों का संगम मिलता है, जो लखनऊ को एक अनोखा स्वाद और पहचान देता है।

यूनेस्को द्वारा मिली इस मान्यता से लखनऊ का फूड टूरिज्म नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। पारंपरिक बावर्चियों, छोटे उद्यमों और स्थानीय व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी, जिससे स्थानीय रोजगार और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात के अनुसार, 2024 में शहर में 82.74 लाख पर्यटक आए, जबकि 2025 के सिर्फ छह महीनों में ही यह संख्या 70.20 लाख पहुंच चुकी है। स्पष्ट है कि खान–पान और सांस्कृतिक विरासत लखनऊ के पर्यटन को आगे बढ़ा रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस सम्मान को लखनवी तहजीब और सांस्कृतिक मूल्य की जीत बताया और शहरवासियों को बधाई दी।