1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. Loksabha Election 2024: देवरिया और बलिया के हिस्से से बने सलेमपुर संसदीय सीट के बारे में जानते हैं

Loksabha Election 2024: देवरिया और बलिया के हिस्से से बने सलेमपुर संसदीय सीट के बारे में जानते हैं

आर्थिक रूप से सलेमपुर संसदीय सीट राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में गिना जाता है। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार सलेमपुर तहसील की आबादी करीब 6 लाख (6,04,483) है जिसमें 3 लाख पुरुष (49%) हैं और 3.1 लाख (51%) महिलाएं हैं और यहां की 80 फीसदी आबादी सामान्य वर्ग से आती है, जबकि 16% लोग अनुसूचित जाति के लोगों की है, जबकि 4 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है।

By: Desk Team  RNI News Network
Updated:
gnews
Loksabha Election 2024: देवरिया और बलिया के हिस्से से बने सलेमपुर संसदीय सीट के बारे में जानते हैं

आर्थिक रूप से सलेमपुर संसदीय सीट राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में गिना जाता है। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार सलेमपुर तहसील की आबादी करीब 6 लाख (6,04,483) है जिसमें 3 लाख पुरुष (49%) हैं और 3.1 लाख (51%) महिलाएं हैं और यहां की 80 फीसदी आबादी सामान्य वर्ग से आती है, जबकि 16% लोग अनुसूचित जाति के लोगों की है, जबकि 4 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है।

सलेमपुर का इतिहास

सलेमपुर का गठन देवरिया और बलिया जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर किया गया है। इस लोकसभा क्षेत्र में बलिया जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र बांसडीह, सिकंदरपुर, बेल्थरारोड और देवरिया जिले का सलेमपुर तथा भाटपार रानी विधानसभा क्षेत्र आता है। आजादी से पहले तक सलेमपुर सबसे बड़ा तहसील हुआ करता था। सलेमपुर का इतिहास काफी पुराना है।

सलेमपुर क्षेत्र मुस्लिम आक्रमणकारियों से पहले गुप्त वंश और पाल शासकों ने यहां राज कियाथा। यहां घने जंगलों के होने के कारण मुस्लिम आक्रमणकारी इस क्षेत्र में आक्रमण के लिए नहीं आ सके थे। सलेमपुर के पास से छोटी गंडक नदी गुजरती है। विकास और स्थाई मुद्दे औद्योगिक विकास के मामले में यह क्षेत्र भी पिछड़ा है। बंद चीनी मिलें और गन्‍ना किसानों की समस्‍याएं प्रमुख स्‍थानीय मुद़दे हैं।

सलेमपुर की खास बातें

सलेमपुर, उत्तर प्रदेश का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। इस क्षेत्र की स्थापना 1939 में हुई थी। परशुराम धाम मंदिर यहां का प्रसिद्ध मंदिर है। बापू इंटर कॉलेज, जनता इंटर कॉलेज यहां के दो प्रमुख कॉलेज हैं। यहां गेहूं, धान, चावल, गन्ना, सरसों, आलू और कई सब्जियों जैसे फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, बैंगन की अच्छी खेती होती है।

सलेमपुर का संसदीय इतिहास

सलेमपुर में हुए शुरुआती 5 चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने बाजी मारी। यहां के पहले सांसदके रूप में कांग्रेस के बिश्वनाथ रॉय बने थे। इसके बाद साल 1962 और 1967 में विश्वनाथ पांडे ने यहां कब्जा किया। 1971 में तारकेश्वर पांडे ने यहां से जीता। इसके बाद 1977 में जनता पार्टी के रामनरेश कुशवाहा जीत दर्ज करने में कामयाब हुए। फिर 1980 और 1984 में कांग्रेस पार्टी के राम नगीना मिश्र, 1989 और 1991 में जनता दल के हरि केवल प्रसाद. 1996 में हरिवंश सहाय, 1998 में समता पार्टी से हरिकेवल प्रसाद यहां से चुनाव जीते। 1998 के बाद यहां से इन प्रत्याशियों ने चुनाव जीता है।

साल            सांसद का नाम (पार्टी)

2019            रविंद्र कुशवाहा (बीजेपी)
2014            रविंद्र कुशवाहा (बीजेपी)
2009            रमाशंकर राजभर (बसपा)
2004            हरि केवल प्रसाद (सपा)
1999             बब्‍बन राजभर (बसपा)
1998              हरि केवल प्रसाद (समता पार्टी)

2024 में कौन हैं यहां से प्रत्याशी

  • रविंद्र कुशवाहा को भाजपा ने तीसरी बार फिर से यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है।
  • अन्य पार्टियों ने अभी तक यहां से अपने उम्मीदवारों का नाम घोषित नहीं किया है।

रविंद्र कुशवाहा के बारे में

एक दिसम्बर, 1962 को जन्मे रविंद्र कुशवाहा के पिता राजनीति के पुराने खिलाड़ी रह चुके हैं। कई बार सलेमपुर संसदीय सीट का नेतृत्व कर चुके हैं। रविंद्र कुशवाहा की पत्नी का नाम बिंदु देवी है। एक पुत्र और एक पुत्री है। 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त रविंद्र कुशवाहा का व्यवसाय कृषि है। रविंद्र कुशवाहा सलेमपुर के माथपार गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में करीब सवा दो लाख वोट से जीत दर्ज की थी। 2019 के चुनाव में एक लाख से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी।

सलेमपुर के वर्तमान सांसद रविंद्र कुशवाहा कौन हैं?

रविंद्र कुशवाहा के पिता हरि केवल प्रसाद सलेमपुर सीट के मजबूत प्रत्याशी थे और उनकी कुशवाहा, मौर्य और कम्बोज समुदाय के लोगों पर मजबूत पकड़ पैंठ थी। समाजवादी सोच वाले प्रसाद ने पूरी उम्र बीजेपी का विरोध किया। उनके निधन के बाद जब सपा ने कुशवाहा को टिकट नहीं दिया तो उन्होंने इसके लिए बगावत कर दिया। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी ने टिकट दिया।

कुशवाहा की बदौलत पहली बार सलेमपुर में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी और 2019 में फिर बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया। कुशवाहा सपा-बसपा के गठबंधन के सामने एक बार फिर विजयी रहे। वहीं बीजेपी ने रविंद्र कुशवाहा को एक बार फिर 2024 लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है।

सलेमपुर का जातीय समीकरण

सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र की 80 प्रतिशत आबादी सामान्य वर्ग के लोगों की है जबकि 16 प्रतिशत लोग अनुसूचित जाति की हैं। वहीं चार प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति के लोगों की है। पर धार्मिकता को आधार मान कर देखें तो यहां हिंदुओं की आबादी 86.2 प्रतिशत है तो वहीं 13.5 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें गूगल न्यूज़, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...