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UP News: काशी को मिली देश की पहली हाइड्रोजन जलयान की सौगात, केंद्रीय मंत्री ने दिखाई हरी झंडी

नमो घाट से शुरू हुआ पर्यावरण- अनुकूल जल परिवहन का नया अध्याय...

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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UP News: काशी को मिली देश की पहली हाइड्रोजन जलयान की सौगात, केंद्रीय मंत्री ने दिखाई हरी झंडी

देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। गंगा नदी में देश की पहली हाइड्रोजन ईंधन चालित जलयान सेवा की शुरुआत हो गई है। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नमो घाट से हाइड्रोजन वाटर टैक्सी को हरी झंडी दिखाते हुए इसे रवाना किया।

जलयान के शुभारंभ के बाद केंद्रीय मंत्री स्वयं जलयान पर सवार होकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचे। अभी इसके किराए और बुकिंग की सुविधा आम जनता के लिए शुरू नहीं की गई है, लेकिन जल्द ही यह सेवा लोगों के लिए उपलब्ध होगी।

“भारत हरित और आत्मनिर्भर परिवहन की ओर बढ़ रहा है” – सर्बानंद सोनोवाल

शुभारंभ समारोह में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि- “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व में भारत स्वच्छ, टिकाऊ और आत्मनिर्भर परिवहन प्रणालियों की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। देश का पहला स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन चालित जलयान इसी परिवर्तनकारी दृष्टिकोण का उत्कृष्ट उदाहरण है।”

उन्होंने आगे कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की मजबूती और हरित परिवहन को अपनाने की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह उपलब्धि गंगा नदी के संरक्षण और पुनरुद्धार के व्यापक अभियान को भी बढ़ावा देती है।

स्वच्छ तकनीक और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम

सोनोवाल ने कहा कि स्वच्छ तकनीकों को जलमार्गों पर लागू करना भारत के विकास मॉडल को पर्यावरण- अनुकूल दिशा देता है। “नवाचार को बढ़ावा देते हुए हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास प्रकृति के प्रति हमारे दायित्व के साथ-साथ आगे बढ़े। आज का दिन भारत के हरित समुद्री भविष्य की दिशा में एक नया मील का पत्थर है।”

हाइड्रोजन जलयान की विशेषताएँ: क्षमता, गति और तकनीक का अद्भुत संयोजन

आईडब्ल्यूएआई (IWAI) के अधिकारियों ने जलयान की तकनीकी विशिष्टताओं की जानकारी दी:

  • 50 यात्रियों की बैठने की क्षमता

  • ईंधन के लिए 5 हाइड्रोजन सिलिंडर

  • अधिकतम 12.038 किमी प्रति घंटे की रफ्तार

  • बैकअप के रूप में 3 किलोवाट के सोलर पैनल

  • ईंधन भरने के लिए 4 रीफिलिंग स्टेशन प्रस्तावित

गंगा को स्वच्छ और प्रदूषण- मुक्त रखने की दृष्टि से हाइड्रोजन जलयान एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

काशी में हरित परिवहन का नया युग

देश की पहली हाइड्रोजन जलयान सेवा शुरू होने से काशी न केवल सांस्कृतिक, बल्कि हरित तकनीक और सतत विकास में भी अग्रणी शहर के रूप में उभर रहा है। इससे पर्यटक अनुभव को नई ऊंचाई मिलेगी और वाराणसी जलमार्ग परिवहन का एक आधुनिक मॉडल प्रस्तुत करेगा।

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