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Jhansi Exclusive: अब AI से रेलवे ट्रैकों पर रखी जाएगी नजर, सुव्यवस्थित होंगी रेल सुविधाएं

मंडल में एआई तकनीक का इस्तेमाल शुरू करने जा रहे हैं। इससे रेल संरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा। अभी मशीन लर्निंग और डाटा फीडिंग का काम किया जा रहा है। इसके बाद एआई तकनीक से पूरे रेलवे ट्रैक पर नजर रखी जाएगी।

By: Desk Team  RNI News Network
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Jhansi Exclusive: अब AI से रेलवे ट्रैकों पर रखी जाएगी नजर, सुव्यवस्थित होंगी रेल सुविधाएं

रेलवे विभाग एक नई पहल करने जा रहा है जिसमें वह रेलवे ट्रैक पर होने वाली खामियों को एआई रोबोट के माध्यम से नजर रखेगी। बता दें कि झांसी रेल मंडल के 3 हजार किमी लंबे रेलवे ट्रैक पर इससे नजर रखी जाएगी। इसी के साथ सिग्नल और ओएचई का डाटा रोबोट की मेमोरी में अंकित होते रहेंगे। इसके सिग्नल और सेंसर भी एआई तकनीक पर चलेंगे और कोई भी खामी मिलते ही ये संबंधित विभाग को जानकारी दे देगा ताकि उसे ठीक किया जा सके।

“मंडल में एआई तकनीक का इस्तेमाल शुरू करने जा रहे हैं। इससे रेल संरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा। अभी मशीन लर्निंग और डाटा फीडिंग का काम किया जा रहा है। इसके बाद एआई तकनीक से पूरे रेलवे ट्रैक पर नजर रखी जाएगी।” -मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, झांसी रेल मंडल

3 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर होगी निगरानी

झांसी मंडल में फैले 3 हजार किमी लंबे ट्रैक पर अब एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के माध्यम से नजर रखी जाएगी। आपको बता दें कि इस पूरे मंडल में यदि कहीं भी रेलवे ट्रैक, इंजन, सिग्नल और ओएचई में तकनीकी खामी आती है तो इसके बारे में रोबोट के माध्यम से अफसरों को पहले अलर्ट दे देगा। फिलहाल अभी रोबोट को इसके लिए प्रशिक्षण किया जा रहा है।

रोबोट के मेमोरी में फीड कर रहे हैं डाटा

सुरक्षित रेल संचालन के लिए रेलवे अफसर एआई रोबोट के डाटा में छोटे-से-छोटे बिंदु का डाटा फीड कर रहे हैं ताकि आगे चलकर कोई चूक न हो जाए और व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए रेलवे ट्रैक, रेलवे इंजन, सिग्नल, ब्रिज, ओएचई, ट्रेन के पहिये सहित अन्य मशीनों और संचार के माध्यमों का दुरुस्त होने के आंकड़े फीड किए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि रेलवे की पहली प्राथमिकता है लोगों की सुविधा ऐसे में जान-माल का नुकसान न उठाना पड़े इसके लिए पहले से ही सारे बिंदुओं पर सोच-विचार करके आगे की रूफरेखा को तैयार कर लिया जाता है।

कोई घटना घटित होने से पहले ही रोबोट देगा संकेत

बता दें कि वर्तमान समय में रेलवे ट्रैक की स्थिति और खामियों को जांचने के लिए अभी अल्ट्रासोनिक प्रणाली को काम में लिया जा रहा है। लेकिन अब ट्रैक में कोई भी कमी या गड़बड़ी होने पर त्वरित रूप से सेंसर के जरिए संबंधित विभाग को जानकारी मिल जाएगी। इसी के साथ तकनीक का प्रयोग करके ये भी पता चल जाएगा कि किसी ट्रैक की पटरी को कब बदलना है।

सर्दियों में रेल ट्रैक पर होने वाले फ्रेक्चर से मिलेगा छुटकारा

सर्दियों में रेलवे ट्रैक के फ्रेक्चर होने के मामले ज्यादा आते हैं और वर्तमान में इन फ्रेक्चरों का पता करने के लिए हथोड़े से ठोंककर ट्रैक को देखा जाता है। लेकिन एआई के इस्तेमाल से ऐसा करने की आवश्यकता नहीं होगी, पहले ही रोबोट इन खामियों को बता देगा।

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