कानपुर देहात से एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है जिसने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरवनखेड़ा ब्लॉक के मोहना प्राथमिक विद्यालय में बच्चों से कथित तौर पर जबरन मजदूरी कराए जाने का आरोप लगा है। घटना के बाद दो मासूम छात्र, स्कूल ड्रेस और बैग के साथ सीधे जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचे और अपनी शिकायत दर्ज कराई। उनका आरोप है कि स्कूल के प्रधानाचार्य दिनेश संख्यवार ने उनसे घास काटने को कहा था। जब बच्चों ने ऐसा करने से मना किया, तो न केवल उनके साथ मारपीट की गई बल्कि उन्हें स्कूल से बाहर भी निकाल दिया गया।
मासूम बच्चों की यह शिकायत सुनकर जिला प्रशासन हरकत में आ गया। एडीएम अमित कुमार ने जानकारी दी कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और आरोपी प्रधानाचार्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बच्चों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
हालांकि, इस मामले में प्रधानाचार्य दिनेश संख्यवार ने खुद पर लगे सभी आरोपों से इंकार किया है। उनका कहना है कि बच्चों से सिर्फ स्वच्छता अभियान के तहत सहयोग करने को कहा गया था, किसी से जबरन मजदूरी नहीं कराई गई और न ही किसी के साथ मारपीट की गई।
फिलहाल सच्चाई क्या है, यह तो जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी। लेकिन यह घटना शिक्षा व्यवस्था और स्कूल प्रशासन की गंभीरता पर सवाल खड़े करती है। ज़रूरी है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष हो और अगर बच्चों से जबरन काम कराने की बात सच पाई जाती है तो दोषियों को सख्त सज़ा मिले। वहीं, यदि यह किसी तरह की गलतफहमी है, तो भी भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए प्रशासन को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की आवश्यकता है। फिलहाल, जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा विभाग को जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।