लखनऊ में मंगलवार को एक अहम समझौता हुआ, जिसमें यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (आईआरडीई), देहरादून और उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के बीच एमओयू (समझौता पत्र) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता प्रदेश के मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह की मौजूदगी में हुआ।
इस समझौते के तहत आईआरडीई, जोकि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रमुख प्रयोगशाला है, लखनऊ के डिफेंस कॉरीडोर में लगभग 25 एकड़ ज़मीन पर एक अत्याधुनिक फैक्ट्री लगाएगा। इसमें आईआर डिटेक्टर बनाए जाएंगे, जो रक्षा तकनीक में बेहद काम आते हैं। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 2000 करोड़ रुपये होगी और इससे लगभग 650 लोगों को नौकरी मिलेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह फैक्ट्री भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बहुत ही अहम कदम है। इससे भारत की रक्षा क्षमता मजबूत होगी और विदेशी कंपनियों पर निर्भरता भी कम होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना न केवल रोजगार बढ़ाएगी बल्कि भारत सरकार के “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसे मिशनों को भी आगे बढ़ाएगी।