वाराणसी में सनातन धर्म की रक्षा और विश्व शांति के उद्देश्य से ‘एक करोड़’ पार्थिव शिवलिंग पूजन समारोह की शुरुआत हो गई है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक तत्वों को संयुक्त रूप से बढ़ावा देना और संरक्षित करना है।
मंगलवार को अस्सी स्थित गंगा जी के कलश में महिलाओं ने विधिवत जल भरकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इस अनुष्ठान की महत्वता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि यह आयोजन धार्मिक श्रद्धा के साथ-साथ सामाजिक एकजुटता को भी दर्शाता है।
इस भव्य समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंगारु दत्तात्रेय और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रित किया गया है। उनका शामिल होना इस आयोजन की गरिमा को और भी बढ़ा देता है।
वाराणसी के अस्सी स्थित मुमुक्षु भवन में यह आयोजन दक्षिण भारत के हजारों श्रद्धालुओं की भागीदारी के साथ चल रहा है। श्री साम्बसदाशिव महादेव सेवा समिति द्वारा आयोजित इस समारोह का उद्देश्य विश्व शांति और सनातन धर्म की रक्षा करना है।
श्री साम्बसदाशिव महादेव सेवा समिति के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने बताया कि इस आयोजन में आंध्रप्रदेश से आए कारीगरों द्वारा पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जा रहा है। पूजन के उपरांत, विशेष पत्थर से निर्मित भव्य शिव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
इस समारोह का आयोजन 4 से 15 नवंबर तक किया जाएगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। इस आयोजन में आंध्रप्रदेश, तेलांगाना, तमिलनाडु के अलावा काशी के पांच हजार वैदिक ब्राह्मण भी भाग ले रहे हैं।
यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक विविधता की अभिव्यक्ति का भी एक उदाहरण है। जैसा कि श्री अशोक गुप्ता ने बताया, यह आयोजन भारतीय संस्कृति की धरोहर को संरक्षित करने का एक प्रयास है।