1. हिन्दी समाचार
  2. अथॉरिटी की बात
  3. Greater Noida: गंग नहर में अवैध बालू खनन, बढ़ती गहराई से खतरा

Greater Noida: गंग नहर में अवैध बालू खनन, बढ़ती गहराई से खतरा

ग्रेटर नोएडा की गंग नहर में जेसीबी से अवैध बालू खनन। नहर की गहराई बढ़ने से हादसों का खतरा, ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
Greater Noida: गंग नहर में अवैध बालू खनन, बढ़ती गहराई से खतरा

दनकौर कोतवाली क्षेत्र की गंग नहर (खेरली नहर) में अवैध बालू खनन का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। नहर में पानी न होने का फायदा उठाकर खनन माफिया खुलेआम बालू निकाल रहे हैं।  जिसमें जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉली से बालू निकाले जाने के दृश्य स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं।

जेसीबी और ट्रॉली से चल रहा अवैध खनन, नहर की गहराई खतरनाक स्तर तक बढ़ी

चंद्रावल गांव के पास नहर के अंदर जेसीबी मशीनों से लगातार बालू निकाला जा रहा है। खनन की मात्रा इतनी अधिक है कि नहर की गहराई सामान्य स्तर से काफी बढ़ गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो पानी आने पर नहर बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।

ग्रामीणों के अनुसार, “खनन माफिया रात के समय जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर आते हैं और पूरी रात बालू निकालते रहते हैं। इससे नहर की संरचना कमजोर हो गई है और डूबने की घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।”

सरकार को हो रहा करोड़ों का राजस्व नुकसान

अवैध खनन से सरकार को भारी राजस्व नुकसान पहुंच रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बिना अनुमति के हो रहे इस खनन में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रॉली बालू निकाली जाती है, जो गैरकानूनी रूप से बेची जाती है। खनन से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकार के राजस्व संसाधनों में भी बड़ी सेंध लग रही है।

स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही के आरोप

ग्रामीणों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय निवासियों ने बातचीत के दौरान बताया कि — “हम कई बार अधिकारियों को शिकायत दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। रात में नहर में मशीनें चलती हैं, जिससे पूरे इलाके में शोर और प्रदूषण भी बढ़ रहा है।”

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की मौन स्वीकृति के कारण ही खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

पुलिस बोली – मामले की जानकारी नहीं

जब इस मामले में दनकौर कोतवाली पुलिस से संपर्क किया गया, तो पुलिस अधिकारियों ने मामले की जानकारी न होने की बात कही।
उन्होंने कहा कि— “यदि ऐसा कोई मामला सामने आया है, तो वीडियो की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि, स्थानीय लोग पुलिस के इस बयान से असंतुष्ट हैं और उनका कहना है कि अवैध खनन लंबे समय से चल रहा है, जिसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

नहर की बढ़ती गहराई बन सकती है जानलेवा

विशेषज्ञों का कहना है कि नहर की गहराई में अत्यधिक वृद्धि से पानी का बहाव तेज हो जाता है, जिससे कटान की घटनाएं बढ़ सकती हैं| डूबने के जोखिम में इजाफा होता है और नहर की संरचनात्मक स्थिरता प्रभावित हो सकती है| यदि समय रहते इस खनन पर रोक नहीं लगी, तो बरसात के मौसम में यह नहर गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है।

अवैध खनन पर सवाल, जिम्मेदारी पर सन्नाटा

यह घटना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। नहर जैसे संवेदनशील जलमार्ग में खनन मशीनों का प्रवेश और संचालन बिना स्थानीय प्रशासन की जानकारी के संभव नहीं दिखता। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि या तो प्रशासन अनजान बनने का दिखावा कर रहा है, या फिर खनन माफियाओं के साथ मिलीभगत की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

ग्रेटर नोएडा की गंग नहर में हो रहा अवैध बालू खनन न केवल पर्यावरणीय असंतुलन पैदा कर रहा है, बल्कि यह स्थानीय लोगों की सुरक्षा और सरकारी व्यवस्था की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। जरूरी है कि प्रशासन इस पर तुरंत कार्रवाई करे, खनन माफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कदम उठाए और नहर की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें गूगल न्यूज़, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...