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महाव नदी के प्रकोप से डूब जाते हैं सौकड़ों एकड़ खेत और गांव, सुध लेने वाला कोई नहीं

यूपी सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह क्षेत्र का दौरा किया था। उस दौरान सिंचाई विभाग, बाढ़ खंड विभाग और नलकूप विभाग के अधिकारियों ने उनको नारायणी नदी और आस पास के क्षेत्रों का दौरा करा दिया था।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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महाव नदी के प्रकोप से डूब जाते हैं सौकड़ों एकड़ खेत और गांव, सुध लेने वाला कोई नहीं

गोरखपुर से 130 किलोमीटर दूर महाराजगंज जिले के नौतनवां तहसील का झिंगटी गांव भारत नेपाल बार्डर पर स्थित है। गांव के पास से ही महाव नदी बहती है। जब नदी बढती है तो झिंगटी गांव बाढ़ की विभीषिका झेलती है। इस साल अभी मानसून ने रफ्तार पकड़ा भी नहीं है कि नेपाल से छोड़े गए पानी से बांध के किनारे खेतों में पानी भर गया है। जब इसकी हकीकत जानने यूपी की बात की टीम पहुंची तो गांव वालों का दर्द छलक गया।

अभी हाल ही में यूपी सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह क्षेत्र का दौरा किया था। उस दौरान सिंचाई विभाग, बाढ़ खंड विभाग और नलकूप विभाग के अधिकारियों ने उनको नारायणी नदी और आस पास के क्षेत्रों का दौरा करा दिया था। लेकिन नेपाल बार्डर पर स्थित महाव नदी के बांध के किनारे बसे झिंगटी गांव का दौरा नहीं कराया।

अपको बता दें कि महाव नदी का रख रखाव सिंचाई विभाग को दी गई है। बांध कि स्थिति काफी खराब हो गया है। यहां बना बांध जगह-जगह डैमेज हो गया है। जब कभी नेपाल से पानी छोड़ा जाता है तो झिंगटी गांव में आफत आ जाती है। आस पास के खेतों के साथ ही गांव जलमग्न हो जाता है। इस समस्या को लेकर जब संबंधित अधिकारियों से बात की गई उन्होंने बात करने से मना कर दिया।

गांव वालों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि हम लोग हर साल बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं, जब नेपाल पानी छोड़ता है तो बांध टूट जाता है और खेतों में खड़ी फसल पानी में डूब जाता है, और सारा फसल बरबाद हो जाता है। जिससे वो काफी परेशान हो गए हैं।

गोरखपुर से संवाददाता प्रदीप आनंद श्रीवास्तव की रिपोर्ट।

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