शनिवार को औद्योगिक विकास के अपर मुख्य सचिव अलोक कुमार की अध्यक्षता में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में क्षेत्रीय विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें प्रमुख रूप से राया अर्बन सेंटर में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी परियोजना और एनटीपीसी द्वारा हाइड्रोजन बस संचालन योजना को मंजूरी दी गई।
बैठक में सबसे अहम चर्चा राया अर्बन सेंटर में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी प्रोजेक्ट पर हुई। यह परियोजना वृंदावन और मथुरा क्षेत्र की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुए आधुनिक शहरी ढांचे का विकास करेगी।

मुख्य बिंदु:
इस पहल से वृंदावन और मथुरा क्षेत्र के शहरी विकास को नई दिशा मिलेगी, जो धार्मिक पर्यटन और आधुनिक जीवनशैली के बीच एक संतुलन स्थापित करेगा।

बैठक में एनटीपीसी (NTPC) के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई, जिसके तहत यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में हाइड्रोजन आधारित बसें संचालित की जाएंगी। यह योजना प्रदेश में हरित परिवहन (Green Mobility) को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।
प्रमुख लाभ:
संतुलित और स्थायी विकास मॉडल की दिशा में बड़ा कदम
अपर मुख्य सचिव अलोक कुमार ने कहा कि ये दोनों योजनाएं—हेरिटेज सिटी और हाइड्रोजन बस सेवा—यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र के लिए “संतुलित और भविष्य-उन्मुख विकास” की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। “हमारा लक्ष्य आर्थिक विकास, पर्यावरणीय स्थिरता और सांस्कृतिक संरक्षण के बीच एक संतुलित शहरी ढांचा तैयार करना है,” उन्होंने कहा।

इन पहलों के माध्यम से न केवल पर्यटन और निवेश को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और आधारभूत संरचना भी सुदृढ़ होगी।
बैठक में अन्य प्रस्तावों पर भी चर्चा
बैठक में कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी विचार किया गया, जिनमें शामिल हैं:
निष्कर्ष
यमुना प्राधिकरण की यह बैठक प्रदेश के औद्योगिक और शहरी विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई। राया अर्बन सेंटर में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी प्रोजेक्ट से जहां सांस्कृतिक पहचान को नई ऊर्जा मिलेगी, वहीं हाइड्रोजन बस परियोजना उत्तर प्रदेश को हरित परिवहन के नए युग में प्रवेश दिलाएगी।
ये दोनों योजनाएं मिलकर यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र को एक “सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट मॉडल” के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगी।