उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर का सातवां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर राज्यपाल ने कुल 1015 उपाधियाँ वितरित कीं, जिनमें 78 प्रतिशत छात्राएँ तथा 22 प्रतिशत छात्र सम्मिलित रहे। इसके अतिरिक्त उन्होंने कुल 50 पदक भी प्रदान किए, जिनमें 27 छात्र एवं 23 छात्राएँ शामिल रहीं। राज्यपाल जी ने जनपद औरैया के आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु 300 आंगनबाड़ी किटों का भी वितरण किया।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को हार्दिक बधाई दी और कहा कि आपकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास ने आपको इस मुकाम तक पहुँचाया है। यह अवसर केवल व्यक्तिगत उपलब्धि का नहीं बल्कि परिवार, शिक्षकों और समाज की सामूहिक आशाओं का प्रतिफल है। आज आपके हाथों में केवल उपाधि का प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का दायित्व भी है। आप इस संकल्प के साथ आगे बढ़ें कि ज्ञान को सेवा में, कौशल को करुणा में और उपलब्धि को उत्तरदायित्व में रूपांतरित करेंगे। यही आपके व्यक्तित्व की पहचान बनेगी और यही राष्ट्र के भविष्य की दिशा तय करेगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में छात्राओं की बढ़ती भागीदारी केवल एक आँकड़ा नहीं बल्कि बदलते समाज की नई सोच और ऊर्जा का प्रतीक है। यह कोई प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक साझा यात्रा है, जिससे सभी छात्रों को प्रेरणा लेनी चाहिए। शिक्षा का वास्तविक स्वरूप तभी पूर्ण होता है जब वह महिला और पुरुष दोनों को समान अवसर प्रदान कर समाज में संतुलन और समरसता स्थापित करे।
राज्यपाल ने बताया कि विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ आधुनिक तकनीक के माध्यम से सुरक्षित और सुलभ रहें, इसके लिए सभी उपाधियों को डिजिलॉकर पर अपलोड किया गया है। यह पहल विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए तकनीकी सहूलियत का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है। डिजिटल क्रांति ने शिक्षा को सुलभ और पारदर्शी बनाया है, और आने वाले समय में यह युवाओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। आपको अपनी शिक्षा, प्रतिभा और ऊर्जा का उपयोग समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए करना चाहिए। जब युवा अपने कौशल और संवेदनशीलता से समाज की सेवा में आगे आएंगे, तभी विज़न-2047 और विकसित भारत का सपना साकार होगा। प्रधानमंत्री देश के युवाओं पर गहरा भरोसा करते हैं। इसलिए युवाओं को चाहिए कि वे अनुशासन और समय प्रबंधन को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाएँ। समय का सदुपयोग करते हुए उन्हें देशहित में कार्य करना होगा।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि आज की शिक्षा केवल नौकरी पाने का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि गाँवों और वंचित वर्गों तक तकनीकी शिक्षा पहुँचाना समय की मांग है। जब शिक्षा का लाभ अंतिम पंक्ति तक पहुँचेगा, तभी विकास का वास्तविक अर्थ पूरा होगा। अपने ज्ञान, कौशल और नवाचार को समाज व राष्ट्र की सेवा में लगाएँ। शिक्षा का उद्देश्य तभी सार्थक होगा जब उसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।
उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में अनुशासन, ईमानदारी और नशामुक्त जीवन अपनाना बहुत आवश्यक है। नशा न केवल व्यक्तित्व को कमजोर करता है बल्कि परिवार और समाज को भी पीछे खींचता है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को स्वस्थ शरीर, जागरूक मन और संवेदनशील हृदय के साथ समाज का नेतृत्व करना चाहिए। प्रत्येक विद्यार्थी को महीने में कम से कम एक बार अपना भोजन स्वयं बनाना सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह भी अधिकांशतः अपना भोजन स्वयं बनाती हैं।
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। ‘नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन’, ‘सेमीकंडक्टर मिशन’, ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहल भारत को उपभोक्ता से निर्माता राष्ट्र बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाएँ भारत को भविष्य की महाशक्ति बनाने में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं।
कुलाधिपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से देश के 99 प्रतिशत घरों तक गैस कनेक्शन पहुँच चुका है। यह करोड़ों परिवारों, विशेषकर महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन है। इसके लिए हमें प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करना चाहिए।उन्होंने कहा कि 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रधानमंत्री के जन्मदिवस के अवसर पर सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें गरीब और मध्यम वर्ग के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। सेवा पखवाड़ा की एक गाइडलाइन राजभवन द्वारा सभी विश्वविद्यालयों को भेजी गई है। विश्वविद्यालयों को इसमें सक्रिय रूप से भाग लेकर किए गए कार्यों की पुस्तक तैयार करना होगा और उसे राजभवन को उपलब्ध कराना होगा।
उन्होंने कहा कि सशक्त नारी के लिए भी 15 दिन का विशेष कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत प्रत्येक गाँव में हेल्थ कैंप लगाए जा रहे हैं। विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को इन कैंपों तक लाएँ, उनकी स्वास्थ्य जांच कराएँ और उन्हें विभिन्न योजनाओं से जोड़ें। उन्होंने कहा कि जीरो पॉवर्टी अभियान के अंतर्गत प्रशासन द्वारा सर्च अभियान चलाया गया है। विश्वविद्यालयों को भी इसमें हिस्सा लेकर सभी जरूरतमंदों को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुँचाने का कार्य करना चाहिए। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को भी इस दिशा में सेवा भाव से कार्य करना होगा।
राज्यपाल ने बताया कि राजभवन की टीम विश्वविद्यालयों का निरीक्षण करती है। इसी क्रम में भी टीम ने हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय का निरीक्षण कर विद्यार्थियों के हित में आवश्यक सुविधाओं की समीक्षा की। राज्यपाल जी ने निर्देश दिया कि निरीक्षण के दौरान जो भी कमियाँ पाई गई हैं, उन्हें शीघ्र दूर किया जाए ताकि विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएँ मिल सकें और उनका हित सुनिश्चित हो।उन्होंने विश्वविद्यालयों को यह भी निर्देश दिया कि सामाजिक समस्याओं का समाधान खोजने के लिए अनुसंधान कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। देश में अनेक शोध किए गए हैं, जिन्होंने देश की प्रगति में योगदान दिया है। उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय भी शोध कार्यों को आगे बढ़ाएँ और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएँ।
पाँच गांव पाँच स्कूल पाँच स्मार्ट क्लास” का मंत्र देते हुए उन्होंने निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय गोद लिए गए पाँच गांवों के पाँच प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस की स्थापना करे। राज्यपाल जी ने इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि किसी भी संस्थान की डिजाइन तैयार करने से पहले उस संस्थान के उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखना चाहिए। उदाहरण स्वरूप, आंगनबाड़ी केंद्रों में छोटे बच्चे रहते हैं, अतः उसकी डिजाइन बच्चों के अनुरूप होनी चाहिए।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। स्कूली बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण पर आकर्षक प्रस्तुति दी, जिसे राज्यपाल जी ने सराहा और कहा कि बच्चों के पास काफी नये विचार देखने को मिले। विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता के विजेता छात्र ने अपने उद्बोधन से समारोह को प्रेरणादायी बना दिया। राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गाँव में आयोजित प्रतियोगिताओं में विजयी छात्रों को पुरस्कार प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया। इसके साथ ही, उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के नए भवनों का लोकार्पण किया तथा विद्यार्थियों की सुविधा हेतु नये वाहनों का शुभारंभ किया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में ई-ऑफिस एवं कंसल्टेंसी सॉफ़्टवेयर का शुभारंभ कर डिजिटल व प्रशासनिक व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया।राज्यपाल जी ने समारोह के दौरान प्राथमिक विद्यालय को राजभवन की ओर से पुस्तकें भी प्रदान कीं, जिससे वहाँ के बच्चों को शिक्षा और ज्ञान की ओर प्रेरित किया जा सके।
इस अवसर पर प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने सभी उपाधि धारकों को बधाई देते हुए कहा कि एचबीटीयू ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। यह संस्थान भी प्रदेश के विद्यार्थियों का पसंदीदा शिक्षण केंद्र बना हुआ है। उन्होंने कहा कि शिक्षा समाज और राष्ट्र के विकास का मापक यंत्र है। तकनीकी शिक्षा के इस युग में किसी भी देश की प्रगति उसके शैक्षणिक स्तर से आँकी जाती है। यदि हमें त्वरित गति से विकास करना है, तो तकनीकी शिक्षा का विस्तार अनिवार्य है। तभी वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य साकार हो सकेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं एचबीटीयू के पूर्व छात्र अरविंदर सिंह साहनी ने कहा कि यह केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि सौ वर्ष पुरानी धरोहर है। इस विश्वविद्यालय ने दशकों से देश और विदेश को उत्कृष्ट अभियंता, वैज्ञानिक तथा उद्यमी प्रदान किए हैं। यहाँ शिक्षा के साथ नैतिक मूल्य भी दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिज्ञासा और अनुशासन ही वह आधार हैं जिन पर सपने साकार होते हैं।