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Pilibhit : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पीलीभीत जिला कारागार का किया निरीक्षण

Pilibhit : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दो दिवसीय पीलीभीत जनपद भ्रमण के दौरान जिला कारागार का निरीक्षण किया, इस अवसर पर उन्होंने कारागार परिसर में स्थापित सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन, सेनेटरी डिस्ट्रॉयर मशीन, एलईडीटीवी तथा वाटर कूलर का उद्घाटन किया

By: Desk Team  RNI News Network
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Pilibhit : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पीलीभीत जिला कारागार का किया निरीक्षण

UP News : प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने दो दिवसीय पीलीभीत जनपद भ्रमण के दौरान आज जिला कारागार का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने कारागार परिसर में स्थापित सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन, सेनेटरी डिस्ट्रॉयर मशीन, एलईडीटीवी तथा वाटर कूलर का उद्घाटन किया और कहा कि ठंडा पानी पियें लेकिन पानी की बर्बादी हर हाल में रोकें। निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने महिला बंदियों को साड़ी एवं फल की टोकरी भेंट की। उन्होंने महिला बंदियों तथा स्कूली छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए कहा कि बच्चों को अनुशासन के साथ जीवन जीना सीखना चाहिए। राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों से कारागार भ्रमण के दौरान देखी गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की और जेल भ्रमण के अनुभवों के आधार पर निबंध लिखकर राजभवन भेजने को कहा। उन्होंने बच्चों को उपहार भी भेंट किए और उन्हें भविष्य में पुनः जेल भ्रमण करने तथा महिला बंदियों से बातचीत कर उनके जीवन को जानने-समझने की प्रेरणा दी।


राज्यपाल ने बच्चों से जेल में बंदियों के भोजन तथा साफ-सफाई की व्यवस्था के बारे में भी जानकारी ली तथा निर्देश दिया कि विद्यार्थियों को थाना परिसरों का भी भ्रमण कराया जाए, जिससे वे पुलिस व्यवस्था को निकट से समझ सकें। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कारागार प्रशासन को निर्देशित किया कि बंदियों को मानसिक शांति एवं नैतिक जागरूकता हेतु धार्मिक व आध्यात्मिक चैनल दिखाए जाएं। दहेज प्रथा की चर्चा करते हुए उन्होंने इसे एक गंभीर सामाजिक अपराध बताया और कहा कि इसे समाप्त करने के लिए सामाजिक स्तर पर व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सास को अपनी बहू को बेटी के समान समझना चाहिए, तभी समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।

राज्यपाल ने कहा कि देशभर में नारी सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर कार्य हो रहा है। इस क्रम में उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे बंदियों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराई जाए, जिनकी आयु 65 वर्ष से अधिक है या जिनकी शेष सजा दो-तीन वर्ष है और जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। उन्होंने महिला बंदियों से संवाद करते हुए उन्हें जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी और कहा कि मन में बदले की भावना न रखें। रिहाई के बाद एक अच्छा, सम्मानजनक जीवन जीने का प्रयास करें और विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान दें। कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी श्री ज्ञानेन्द्र सिंह ने आश्वस्त किया कि राज्यपाल जी द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का गंभीरता से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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