उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कृषि विज्ञान केंद्र, बस्ती में कृषि उत्पाद प्रदर्शनी एवं गुड़ प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन तथा कृषि विज्ञान केंद्र, बस्ती द्वारा प्रकाशित पांच पुस्तकों का विमोचन किया। इस अवसर पर आयोजित प्रगतिशील कृषक सम्मेलन में उन्होंने कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हेतु 5 कृषकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
राज्यपाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर कृषकों के उत्पादों की सराहना की तथा विपणन पर विशेष ध्यान देने तथा अंतरिक्ष, वज्रपात, जलवायु परिवर्तन आदि विषयों पर नवीन शोध एवं अच्छे वैज्ञानिकों की आवश्यकता पर विशेष बल देते हुए दूध व दुग्ध उत्पादों में मिलावट से बचने हेतु स्वयं उत्पाद तैयार करने, कुपोषण दूर करने के लिए आलू की बजाय हरी सब्ज़ियाँ, चना, मूली व ड्रैगन फ्रूट को आहार में सम्मिलित करने का निर्देश दिया। सम्मेलन में 12 किसानों ने राज्यपाल को अपने स्वयं के कृषि उत्पाद भेंट किए। राज्यपाल ने किसानों को राजभवन में कृषि उत्पाद प्रदर्शनी लगाने हेतु आमंत्रित किया तथा जिला प्रशासन एवं कुलपति को मिलकर समय निर्धारित कर कृषक उत्पाद प्रदर्शनी का आयोजन राजभवन में करने को कहा जिसमें किसान अपने उत्पाद विक्रय हेतु वहां लगा सकें।
राज्यपाल ने बस्ती में उत्पादित फलों में आम की विशेष प्रशंसा की तथा कृषि विज्ञान केंद्र पर पाली हाउस में लगी विभिन्न कलमी पौधों का अवलोकन कर बारहमासी फल देने वाली प्रजाति के पौधों को विक्रय हेतु किसानों को उपलब्ध करने का निर्देश दिया तथा आम उत्पादक श्री अवनीश कुमार सिंह को 90 प्रजातियों के संग्रह व नए पौधे तैयार कर उनके प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन पर काम करने की भी आवश्यकता बताई। उन्होंने अपने उद्बोधन में बच्चों को डॉक्टर या इंजीनियर के साथ ही किसान बनाने की आवश्यकता बताई। लड़कियों की अच्छी शिक्षा, अच्छा भोजन व समान व्यवहार पर बल देते हुए अपंग, मन्दबुद्धि, कुष्ठ आश्रम आदि में पढ़ने वाले बच्चों की सहायता कर उनको आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करने को कहा। पुष्पगुच्छ आदि पर होने व्यय को कम कर कुछ गरीब बच्चों की सहायता करने पर जोर दिया। उन्होंने एक वृक्ष माँ के नाम पर चंदन का पौधा रोपण किया एवं मत्स्य तालाब में मछलियों को दाना खिलाया।