नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) की कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने के उद्देश्य से नोएडा प्राधिकरण के दो प्रमुख प्रोजेक्ट- यमुना पुश्ता एलिवेटेड रोड और 500 इलेक्ट्रिक बस योजना- को लेकर शासन स्तर पर अहम वार्ता की जाएगी। नोडल एजेंसी होने के कारण नोएडा प्राधिकरण इस चर्चा में अपनी विस्तृत रिपोर्ट और सुझाव प्रस्तुत करेगा, जबकि अंतिम निर्णय शासन द्वारा लिया जाएगा।
यमुना पुश्ता रोड पर एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण की योजना लंबे समय से प्रस्तावित है। यह एलिवेटेड रोड सेक्टर-94 गोलचक्कर से शुरू होकर सेक्टर-150 तक बनेगी और आगे इसे यमुना एक्सप्रेसवे तथा नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। परियोजना का उद्देश्य दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा से जेवर एयरपोर्ट तक तेज, सुगम और निर्बाध यातायात उपलब्ध कराना है।
हालांकि एलिवेटेड रोड निर्माण सिंचाई विभाग की अनुमति पर निर्भर है, क्योंकि पुश्ता क्षेत्र उनकी भूमि है। नोएडा प्राधिकरण को अब भी एनओसी का इंतजार है। एनओसी मिलते ही प्राधिकरण एनएचएआई से निर्माण का आग्रह करेगा।
नोएडा प्राधिकरण बोर्ड पहले ही निर्णय ले चुका है कि यह एलिवेटेड कॉरिडोर यूपीडा के द्वारा बनाया जाएगा। इसकी लागत नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण संयुक्त रूप से वहन करेंगे। पहले इसे 6 लेन एलिवेटेड + 8 लेन ऑन-ग्राउंड बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन अब संशोधित योजना के अनुसार केवल एलिवेटेड निर्माण किया जाएगा।
जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 500 इलेक्ट्रिक बसें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी में चलाने की योजना बनाई गई थी। इसमें 675 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए तीनों प्राधिकरणों ने इसे एक साथ लागू करना अव्यावहारिक बताया है।
अधिकारियों का मानना है कि:
पहले चरण में 250 बसें उतारी जाएं
रूट और यात्रियों की संख्या के आधार पर भविष्य में विस्तार किया जाए
इससे वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) का दबाव भी कम होगा
आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर—चार्जिंग स्टेशन, डिपो, स्टाफ-बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकेगा
प्राधिकरणों का यह स्पष्ट रुख शासन के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
ई-बस परियोजना के संचालन के लिए जिस स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) का गठन होना था, वह अभी तक नहीं हो सका है। नोएडा में 300, जबकि ग्रेटर नोएडा और यीडा में 100-100 बसों का संचालन प्रस्तावित है, लेकिन डिपो, रूट मैपिंग और चार्जिंग नेटवर्क के लिए आवश्यक संस्थागत ढांचा तैयार नहीं हो पाया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “एक साथ इतनी बड़ी संख्या में बसें उतारना मौजूदा परिस्थितियों में व्यवहारिक नहीं है। इसलिए इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का सुझाव शासन को दिया जाएगा।”
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी से जेवर एयरपोर्ट कनेक्टिविटी को लेकर शासन स्तर पर होने वाली चर्चा महत्वपूर्ण है। बैठक के बाद दोनों प्रस्ताव- यमुना पुश्ता एलिवेटेड रोड, 500 इलेक्ट्रिक बस योजना को प्राधिकरण की अगली बोर्ड बैठक में शामिल किया जाएगा, जहाँ अंतिम स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।