गोरखपुर के शाहपुर इलाके की बशारतपुर पूर्वी स्थित आदित्यपुरी कॉलोनी में गोड़धोइया नाले की खुदाई के दौरान तीन मकान अचानक गिर गए। तेज आवाज और दुर्घटना के बाद आसपास के लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। इन मकानों के गिरने से वहां रहने वाले परिवारों का सामान मलबे में दब गया, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।
घटना के समय मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई। गनीमत रही कि किसी व्यक्ति की जान नहीं गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि करीब 15 दिन पहले जेसीबी मशीन से खुदाई शुरू होने के बाद ही मकानों में दरार आ गई थी। डर के कारण प्रभावित परिवारों ने मकान छोड़ दिया और आस-पड़ोस के इलाके में किराए पर रहने लगे थे।
मकानों की दरार रोकने के लिए संस्था ने लोहे के गटर लगाए, लेकिन तीन दिन से हो रही बारिश के कारण दरारें और बढ़ गईं। जिस वक्त मजदूर नाले के निर्माण में सरिया डालने का काम कर रहे थे, उसी दौरान तीनों मकान अचानक ढह गए। स्थानीय निवासियों ने मौके पर ही कार्यदायी संस्था के खिलाफ तीव्र प्रदर्शन किया और गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए।
मकान मालिक लवकुश सिंह, मनोज उपाध्याय और जगदीश उपाध्याय का दावा है कि उनके घर में रखा सामान पूरी तरह मलबे में दब गया है। उन्होंने पहले ही मकान के कुछ हिस्से को तोड़ दिया था, लेकिन खोदाई के दौरान नई दरारें आ गईं। लेखपाल ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया, पर पीड़ित परिवारों की मांग है कि उन्हें उनके हुए लाखों रुपये के नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाए।
घटनास्थल पर प्रशासन का निरीक्षण तो हुआ, मगर पीड़ितों का सवाल है कि क्या उन्हें वाकई इंसाफ मिलेगा या मामला सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित रहेगा। प्रशासन की कार्यशैली और संवेदनशीलता पर सवाल उठ रहे हैं।