Gorakhpur : गोरखपुर के सरजू नदी क्षेत्र में बाढ़ के कारण कई गांव प्रभावित हुए हैं। जन समस्याओं पर ध्यान देने वाला ‘UP Ki Baat’ लगातार सिंचाई विभाग को सजग करने का प्रयास करता रहा, लेकिन विभाग की “कुंभकर्णी नींद” और अधिकारियों की लापरवाही के कारण नुकसान हुआ। केंद्रीय राज्य मंत्री और मुख्यमंत्री का गृह जनपद होने के बावजूद भी स्थानीय विधायक और अधिकारी स्थिति का सही आकलन नहीं कर पाए।
सिंचाई विभाग ने केवल कागजों में काम किया, वास्तविक धरातल पर आवश्यक तैयारियाँ नहीं की गईं। अधिकारियों और ठेकेदारों के मिलकर गलत जानकारी देने की वजह से सरजू नदी के किनारे बसे गांवों में लोग फूस की झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं। बड़हलगंज ब्लॉक के दर्जनों गांव प्रभावित हुए, जहां ग्रामीणों ने अपनी आपबीती साझा की। अधीक्षण अभियंता जेपी सिंह अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकलते और बाढ़ खंड 2 के अभियंता वैभव सिंह शायद प्रभावित इलाकों का दौरा ही नहीं करते।
सरकार द्वारा बांधों के रखरखाव और मरम्मत के लिए बजट आवंटित किया गया था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण यह बाढ़ रोकने में नाकाम रहे। इस असफलता का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ा, जो बाढ़ के प्रभाव और वैकल्पिक जीवन व्यवस्था में फंस गए हैं।