नोएडा में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट सेक्टर को नई रफ्तार देने के लिए प्राधिकरण एक विशेष योजना लेकर आ रहा है। इस योजना के तहत पहले चरण में 10 छोटे औद्योगिक प्लॉट निकाले जाएंगे, जिनका आकार 1000 से 1500 वर्गमीटर के बीच होगा। इन प्लॉट्स का आवंटन ई-ऑक्शन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़ी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पहले से ही स्थापित हैं, लेकिन इन्हें अपने उत्पादों के लिए छोटे इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की आवश्यकता होती है। अभी तक यह मांग लुधियाना, कोलकाता या विदेशी बाजारों से पूरी की जाती है। लेकिन अब इस नई योजना से स्थानीय स्तर पर कंपोनेंट निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और बड़ी कंपनियों की निर्भरता घरेलू आपूर्ति पर आ जाएगी।
प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया कि योजना के लिए उपयुक्त लैंड बैंक चिन्हित कर लिया गया है। जल्द ही इसे लॉन्च किया जाएगा। खास बात यह है कि यह योजना केवल इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट सेक्टर के लिए समर्पित होगी। इसके अलावा, स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए अलग से योजना लाई जाएगी।
नोएडा में फैक्ट्री एक्ट के तहत पहले से ही 5000 से अधिक उद्योग पंजीकृत हैं, जिनका कुल सालाना कारोबार लगभग 50,000 करोड़ रुपये के आसपास है। नए प्लॉट्स की यह योजना MSME सेक्टर के लिए नए अवसर लाएगी, जहां छोटे और मध्यम स्तर के उद्योग अपनी यूनिट स्थापित कर सकेंगे।
नोएडा की यह नई योजना उन निवेशकों और स्टार्टअप्स के लिए एक सुनहरा मौका है जो इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट इंडस्ट्री में कदम रखना चाहते हैं। इससे न केवल स्थानीय उद्योगों को मजबूती मिलेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगा।