मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage) सूची में शामिल किए जाने को देश और प्रदेश के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारत की बढ़ती सांस्कृतिक प्रतिष्ठा और वैश्विक स्तर पर हमारी परंपराओं की स्वीकार्यता का प्रतीक है।
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व मंच पर अपनी सांस्कृतिक उपस्थिति को अभूतपूर्व रूप से स्थापित किया है। भारतीय उत्सवों, मूल्यों और सांस्कृतिक धरोहरों को जिस तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही है, वह सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली का यूनेस्को सूची में शामिल होना उस उत्सव की वैश्विक पहचान है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय, सत्य पर असत्य और आशा पर निराशा की जीत का प्रतीक है। यह मान्यता भारतीय संस्कृति की शक्ति, उसकी जीवंतता और उसके सार्वभौमिक संदेश का प्रमाण है। योगी के अनुसार, यह उपलब्धि भारत की सांस्कृतिक परंपराओं को विश्व मंच पर और मजबूत तरीके से स्थापित करती है तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए गौरवपूर्ण धरोहर बनकर उभरती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह सम्मान उत्तर प्रदेश के लिए इसलिए भी विशेष है क्योंकि अयोध्या प्रभु श्रीराम की पावन भूमि है। यहीं से दीपावली उत्सव की ऐतिहासिक परंपरा का प्रारंभ माना जाता है, जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद वापस लौटे थे। उन्होंने कहा कि- “अयोध्या केवल सांस्कृतिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि भारतीय परंपराओं की आत्मा है। ऐसे में दीपावली की इस वैश्विक मान्यता से अयोध्या का अध्यात्मिक महत्व और अधिक उज्ज्वल हुआ है।”
सीएम योगी ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि यूनेस्को का यह सम्मान दुनिया में भारत की उभरती सांस्कृतिक ताकत को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अंतरराष्ट्रीय समाज भारतीय परंपराओं, जीवन दर्शन और त्योहारों को अपनाने लगा है, जो भारत के प्रभाव और प्रतिष्ठा को और अधिक सुदृढ़ करता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या का शाश्वत प्रकाश मानवता को सत्य, प्रेम और सद्भाव की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा। उनके शब्दों में- “दीपावली केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि जीवन को प्रकाश, ज्ञान और सकारात्मकता से भरने वाला भारतीय जीवन दर्शन है।”
दीपावली का यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल होना न केवल भारत की महान परंपराओं का उत्सव है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर चमकाने वाली ऐतिहासिक उपलब्धि भी है। योगी सरकार ने इसे उत्तर प्रदेश और विशेषकर अयोध्या की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर के सम्मान के रूप में देखा है।