मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में महाकुंभ के आयोजन पर हुए विवादों को लेकर सपा समेत विपक्षी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये दल महाकुंभ को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं और करोड़ों लोगों की आस्था का अपमान कर रहे हैं। योगी ने बताया कि अब तक 56 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने कुंभ में स्नान किया है, जो इसके सफल आयोजन का प्रमाण है। साथ ही, उन्होंने सपा नेता अखिलेश यादव पर व्यंग्य किया कि वे खुद चुपचाप कुंभ में डुबकी लगाने पहुंचे, जो इस आयोजन की स्वीकार्यता दर्शाता है।
सपा नेताओं के बयानों की आलोचना
सीएम योगी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ को “मृत्युकुंभ” कहने और लालू प्रसाद यादव के “फालतू की बात” जैसे बयानों को सनातन संस्कृति के प्रति असम्मान बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह आयोजन किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि सनातन परंपरा का हिस्सा है।
उर्दू भाषा को लेकर सदन में गरमागरम बहस पूछा गया, “क्या मुंशी प्रेमचंद कठमुल्ला थे?”
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सदन की कार्यवाही में अंग्रेजी के साथ उर्दू को शामिल करने की मांग की। इस पर सीएम योगी के “कठमुल्लापन” शब्द का जवाब देते हुए पांडेय ने कहा, “क्या उर्दू के महान लेखक मुंशी प्रेमचंद या फिराक गोरखपुरी कठमुल्ला थे?” उन्होंने इस शब्द के प्रयोग पर आपत्ति जताई और कहा कि उर्दू भारतीय संस्कृति की अहम भाषा है।
सरकार का रुख: हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं को प्राथमिकता
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट किया कि सदन की कार्यवाही हिंदी में ही होगी, लेकिन सदस्य अवधी, ब्रज, बुंदेली और भोजपुरी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में बोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी किसी पर थोपी नहीं जा रही, बल्कि यह सुविधा के लिए है।
बिजली निजीकरण पर विपक्ष का विरोध
विपक्ष ने बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि इससे दाम बढ़ेंगे और सरकारी कर्मचारियों का भविष्य खतरे में पड़ेगा। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने जवाब दिया कि निजीकरण से बिजली की गुणवत्ता और आपूर्ति सुधरेगी। उन्होंने कर्मचारियों को विभिन्न निगमों में शामिल करने का आश्वासन दिया।
गरीब और मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट सत्र से पहले कहा कि यह जनकल्याणकारी और ढांचागत विकास को बढ़ावा देने वाला होगा। उन्होंने गरीबों व मध्यम वर्ग की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने की बात कही।
विधानसभा अध्यक्ष का विपक्ष से अपील
“सदन का सुचारू संचालन सभी की जिम्मेदारी“- अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि विपक्ष को सरकार की रचनात्मक आलोचना करनी चाहिए, लेकिन सदन के कामकाज में बाधा नहीं डालनी चाहिए। उन्होंने सभी विधायकों को अपने मुद्दे उठाने का पर्याप्त अवसर देने का आश्वासन दिया।