पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार हर साल जिले-दर-जिले करोड़ों रुपये का बजट जारी करती है, ताकि गांवों और शहरों में हरियाली बढ़ाई जा सके। इसी दिशा में कानपुर देहात जिले में भी इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। सरकार ने लगभग 57.22 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया, जिसमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई। विभाग को अकेले 26.75 लाख पौधे लगाने का कार्य सौंपा गया।
भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के सिहारी गांव में सामाजिक वानिकी योजना के तहत 124 हेक्टेयर भूमि को हराभरा बनाने के लिए वृक्षारोपण किया गया। इस अभियान में पीपल, बबूल, बरगद सहित कई प्रजातियों के पौधे लगाए गए। पेड़ों की देखभाल और रखरखाव के लिए सरकार की ओर से 26 से 27 लाख रुपये का बजट भी जारी किया गया। हालांकि हाल ही में आई बाढ़ में कई पौधे बह गए थे, लेकिन वन विभाग ने हार नहीं मानी और दोबारा वृक्षारोपण किया।
गांव के लोगों ने भी इस पहल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उनका कहना है कि किसान और वन विभाग मिलकर पर्यावरण की रक्षा कर रहे हैं, जिससे न केवल वातावरण शुद्ध हो रहा है बल्कि ग्रामीणों को रोजगार भी मिल रहा है। सरकार द्वारा इस वर्ष “एक पेड़ मां के नाम” अभियान भी शुरू किया गया, जिसके तहत हर घर में एक पेड़ लगाने के लिए पौधे वितरित किए गए। ग्रामीण और रूरल इलाकों में इस योजना का असर शहरों की तुलना में कहीं अधिक तेज़ी से देखने को मिला है।
सिहारी गांव में लाखों रुपये की लागत से लगाए गए ये पौधे आने वाले समय में घने जंगलों में तब्दील होंगे और पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ किसानों को भी लाभ पहुंचाएंगे।
कानपुर देहात के डीएफओ ने बताया कि विभाग सरकार की नीतियों के अनुसार हर लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। मार्च में बजट जारी होता है और अगले वर्ष अप्रैल तक इस पर कार्य चलता है। उनका कहना है कि सिहारी गांव में वृक्षारोपण का लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया है और भविष्य में भी विभाग पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसे प्रयास जारी रखेगा।