उत्तर प्रदेश में अवैध प्रवास और संदिग्ध व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद मुजफ्फरनगर पुलिस ने जिले में व्यापक सत्यापन अभियान तेज कर दिया है। सोमवार रात पुलिस ने सड़क किनारे बनी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के बीच ‘टॉर्च ऑपरेशन’ चलाया, जिसमें रात के अंधेरे में टॉर्च की रोशनी के सहारे लोगों के दस्तावेज़ और पहचान की जांच की गई।
मुजफ्फरनगर पुलिस पिछले एक महीने से जिलेभर में बड़े स्तर पर सत्यापन अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत-
किरायेदारों,
बाहरी राज्यों से आए लोगों,
अस्थायी बस्तियों में रह रहे प्रवासी परिवारों का विशेष सत्यापन किया जा रहा है।
पुलिस टीमें घर-घर जाकर लोगों के आधार कार्ड, पहचान पत्र और निवास संबंधी दस्तावेज़ चेक कर रही हैं। अधिकारियों के अनुसार, अवैध रूप से जिले में मौजूद किसी भी व्यक्ति के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी रात में सड़क किनारे अस्थायी रूप से बसे परिवारों के पास पहुंचे और वहां रहने वाले लोगों की पहचान की जांच की। टॉर्च की मदद से की गई इस काम्बिंग कार्रवाई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि
कोई भी व्यक्ति बिना वैध दस्तावेजों के जिले में न रह सके।
सीओ सिटी सिद्धार्थ के. मिश्रा ने बताया: “यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देश और सहारनपुर डीआईजी के आदेशों के तहत की जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि किरायेदारों, बाहरी राज्यों से आए लोगों और संदिग्ध प्रवासियों का सत्यापन कर सुरक्षा को मजबूत किया जाए।”
उन्होंने कहा कि पुलिस उन लोगों पर विशेष नजर रख रही है-
जो बिना अनुमति जिले में रह रहे हैं
या किसी प्रकार की आपराधिक गतिविधि में शामिल हो सकते हैं।
पुलिस के अनुसार, सोमवार रात की जांच में अधिकांश लोग दिल्ली और राजस्थान से आए हैं, जो फेरी लगाने, रिक्शा चलाने या दिहाड़ी मजदूरी का काम कर रहे हैं।
फिलहाल अभी तक की जांच में कोई भी संदिग्ध व्यक्ति नहीं मिला है। लेकिन जिले की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए अभियान लगातार जारी रहेगा।
यह सत्यापन मुहिम आगे भी जिले में जारी रहेगी और पुलिस विशेष तौर पर उन इलाकों में निगरानी बढ़ाएगी जहां बाहरी लोग अस्थायी रूप से रहते हैं। जिले की सुरक्षा बढ़ाने के लिए यह अभियान प्रशासन की प्राथमिकता बना हुआ है।